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अंतरराष्ट्रीय-योग-दिवस को 9 दिन शेष
योग का मतलब है जुड़ना.. योग के महत्व के बारे में बताया

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   धार, 12 जून 2025/ कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा एवं जिला आयुष आयुष अधिकारी डॉ रमेश चंद्र मुवेल के मार्गदर्शन में 11वॉ अंतर्राष्ट्रीय योग  दिवस का मुख्य कार्यक्रम 21 जून को धार जिले में पर्यटन स्थल मांडू के जहाज महल के सामने प्रातः 6 बजे से आयोजित होगा। यह कार्यक्रम ‘एक  पृथ्वी  एक स्वास्थ्य के लिए’ थीम पर आधारित रहेगा।
इस हेतु प्रतिदिन योगाभ्यास करने आने वाले योग साधक को जिला आयुष अधिकारी डॉ रमेश चंद मुवेल, आयुष चिकित्सक डॉ नरेन्द्र नागर, डॉ साते सिंह सोलंकी, डॉ दिनेश कनोजे, डॉ कैलाश चौहान, योग गुरु और योगा ट्रेनर श्री जगदीश चंद शर्मा, श्रीमती नेहा बाजपाई, श्री राजकुमार यादव द्वारा आमजनों को योग का महत्व के बारे में जानकारी दे रहे है।

आज का आसान-वज्रासन
    यह आसान ध्यान के अभ्यास के लिए किए जाने वाले आसनों में से एक है, जब आप ध्यान की मुद्रा में इस आसन का अभ्यास करे तब अंतिम अवस्था में आँखे बंद कर ले। इसके  लाभ- यह आसान पाचनशक्ति बढ़ने में सहायक होता है एवं जांघ और पिंडली की मांसपेशिया मजबूत बनाता है। सावधानी- घुटने का दर्द और एढ़ियो की चोट से ग्रसित व्यक्तियों को इस आसन से परहेज करना चाहिए।

योग क्या है
    योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है, जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलल और एकता पर केंद्रित है। संस्कृत शब्द योग का अर्थ है जोड़ना या एकजुट करना। यह शारीरिक मुद्राओं (आसन), श्वास नियंत्रण (प्राणायाम), ध्यान, और नैतिक सिद्धांतों काएक समग्र अभ्यास है। योग का उद्देश्य केवल शारीरिक बेहतर बनाना नहींहै, बल्कि मानसिक शांति, आत्म-जागरूकता और आध्यात्मिक उन्नति को भी बढ़ावा देना है।

योग के प्रकार
    हठ योग- शारीरिक शुद्धि, शक्ति और लचीलेपन पर केंद्रित, राज योग- ध्यान और आत्म-साक्षात्कार पर केंद्रित, कर्म योग- निस्वार्थ सेवा के माध्यम से आध्यात्मिक Sata,  भक्ति योग- भगवानके प्रति समर्पण और प्रेम, ज्ञान योग- आत्म-ज्ञान के माध्यम से मुक्ति, कुंडलिनी योग- आध्यात्मिक ऊर्जा के उत्थान पर केंद्रित।  महर्षि पतंजलि ने योग को ‘चित्त की वृत्तियों के निरोध’ (योगः चित्तवृत्तिनिरोधः) के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने ‘योगसूत्र’ नाम से योगसूत्रों का एक संकलन किया। जिसमें उन्होंने पूर्ण कल्याण तथा शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए अष्टांग योग (आठ अंगों वाले योग) का एक मार्ग विस्तार से बताया है। अष्टांग योग को आठ अलग-अलग चरणों वाला मार्ग नहीं समझना चाहिए; यह आठ आयामों वाला मार्ग है जिसमें आठों आयामों का अभ्यास एक साथ किया जाता है। योग के ये आठ अंग है जिसमें यम, नियम, आसन,. प्राणायाम, .प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि।

शारीरिक लाभ
   लचीलापन बढ़ाता हैरू योगासन हमारी मांसपेशियों और जोड़ों की गतिशीलता बढ़ाते हैं। शक्ति बढ़ाता है, सूर्य नमस्कार और वीरासन जैसे आसन शारीरिक बल बढ़ाते हैं। संतुलन सुधारता है, वृक्षासन और गरुड़ासन से शरीरका संतुलन बेहतर होता है। पाचन में सुधार- ट्विस्ट और फॉरवर्ड बेंड्स पाचन तंत्र को उत्तेजित करते हैं। हृदय स्वास्थ्य- योग हृदय गति को नियंत्रित करता है और रक्तचाप को कम करता है। श्वसन में सुधार- प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है। दर्द में राहत- योग पीठ दर्द, घुटने के दर्द और माइग्रेन में मदद करता है।

मानसिक और भावनात्मक लाभ
   तनाव कम करता हैरू योग कॉर्टिसोल (तनाव हॉर्माेन) केस्तरको कम करता है। चिंता और अवसाद से राहतरू नियमित योग अभ्यास से मूड बेहतर होता है। एकाग्रता बढ़ाता है- ध्यान मानसिक फोकस को तेज करताहै।  नींद की गुणवत्ता सुधारता है- शवासन और योग निद्रा अनिद्रा में मदद करते हैं। आत्म-स्वीकृति बढ़ाता है- योग हमें अपने शरीर और मन के साथ सहज होने में मदद करता है। भावनात्मक स्थिरतारू योग भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। रचनात्मकता को बढ़ावा देता है- ध्यान दिमाग को साफ करता है, जिससे नए विचार आते हैं। जीवन शैलीमें योग को शामिल करना- सुबह जल्दी उठें- सूर्याेदय के समय योगाभ्यास करें, जब मन शांत हो। 

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