थांदला। प्रदेश सरकार के राजस्व अमले को स्पष्ट निर्देश है कि शासकीय तथा धार्मिक स्थलों की भूमियो को तुरंत अतिक्रमण मुक्त करवाए। साकार की मंशा भले ही सरकारी और धर्मिक स्थलों की भूमियो को बचाये रखने हो किन्तु प्रशासन में बैठे भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारी भूमाफियाओं,अतिक्रमणकर्ताओं से साठ गाँठ कर सरकार की मंशा को पलीता लगते है। ऐसा ही आदिवासी जिले झाबुआ की अधिकांश तहसिलो,कस्बों, से ले कर अब पंचायतों में होने लगा है। आश्चर्य तो यह कि जिम्मेदारों को सब कुछ पता होने के बाद भी धृष्ट राष्ट बन अतिक्रमण कर्ताओ ओर भू माफियाओ के हौसले बुलंद करते है शिकायत होने पर मामले जांच का अस्वासन दे कर लटका देते है। जिले के थांदला में इस तरह के सेकड़ो मामले है। इनमे से कई मामलों की शिकायत पटवारी,गिरदावर से ले कर तहसीलदार,एसडीओ राजस्व को हो चुकी बावजूद उसके जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जांच कर कारवाही करने का झुनझुना शिकायतकर्ता,अथवा पीड़ितों को पकड़ा देते। थांदला बाय पास पर एक सरकारी नाले तथा शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 336 पर भू माफिया द्वार अवैध नुरमान किया जा रहा तो इसी बाय पास पर आगे पदमावती नदी के किनारे बिना किसी वेध अनुमति ओर एनजीटी के नियमों के विपरीत एक भूमाफिया व्यावसायिक काम्प्लेक्स बना रहा हे। इन दिनों मामलो की शिकायत नगर के जागरूक नागरिको तथा पत्रकारों द्वारा की जा चुकी बाद उसके निर्माणकार्य माफ़िये प्रशासन के पंगु अधिकारी,कर्मचारियों को ठेंगा दिखा कर बेधड़क कार्य कर रहे है। पटवारी ने बनाए दो पंचनामे,गिरदावर बच रहा जांच से। इसी तरह का मामला नगर से 3 किमी स्थित ग्राम खजुरी के शंकर एवम नृसिह मन्दिर का है। यहां मंदिर पुजारी मनोज ने मंदिर भूमि पर गुमटी लगा कर अतिक्रमण करने वाले जितेंद्र पिता रमेश माली व रमेश पिता बाबूलाल माली के खिलाफ़ तहसीलदार को आवेदन दे कर मन्दिर भूमि अतिक्रमण मुक्त करने की गुहार लगाई। तहसीलदार ने मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए हल्का पटवारी हर्षिता को जांच कर पंचनामा बना कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। हल्का पटवारी हर्षिता ने तहसीलदार के एक आदेश में एक ही दिन में दो अलग अलग समय अलग अलग जांच कर पंचनामा बनाये ओर दोनो पंचनामा विरोधाभासी। पटवारी हर्षिता ने सुबह खसरा,खाता,नक्सा के आधर पर गुणिया से मंदिर भूमि की नपती कर अतिक्रमणकर्ता को गुमटी हटा लेने की बात भी मौजूद लोगों,के सामबे कर पंचनामा बनाया और गवाहों के हस्ताक्षर,अंगूठा भी लगवाए। इसी दिन पटवारी ने मन्दिर पुजारी को दोपहर पश्चात मोबाइल पर सूचना कर गिरदावर के आदेश से एक बार पुनः नपती करने के बात कही और अहम को मंदिर भूमि में रखी गुमटी को अतिक्रमण मुक्त बता कर मंदिर भूमि से बाहर सरकारी भूमि में बता दी गयी। उक्त पंचनामा में किसी पंचों द्वारा हस्ताक्षर नही किये गए जो पटवारी ने पंचनामा में उल्लेख किया। मामले में पटवारी द्वारा एक ही दी में दो अलग अलग विरोधाभासी पंचनामा बनाए जाने को ले कर मंदिर पुजारी मनोज द्वारा तहसीलदार के समक्ष एक आपत्ति दर्ज की गई। इस आपत्ति की जांच तहशीलदार शक्ति सिंह चौहान ने राजस्व निरीक्षक वास्कले को दी अब वास्कले भी शायद किसी अदृष्य राजनीतिक दबाव के चलते कलेक्टर के आधिपत्य वाली मंदिर भूमि पर किये गए अतिक्रमण की जांच कर कारवाही से बचते नजर आ रहे है। ऐसे में अतिक्रमण कर्ताओ के हौसले बुलंद हो रहे है। जिम्मेदार बोल राजस्व निरीक्षक को निष्पक्ष जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हे।
एस एस चौहान तहसीलदार थांदला
तहसीलदार सहाब के साथ ही एक दो दिन में जा कर जांच कर नपती कर लेंगे। अतिक्रमण पाया गया तो साहब तुरन्त कारवाही कर देंगे।
एम एल वास्कले,राजस्व निरीक्षक थांदला
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