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झाबुआ

ग्राम मण्डली बड़ी की महिलाओं ने सड़ा हुआ गेहूं वितरण पर जताया विरोध….।

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झाबुआ – सरकार फ्री राशन की योजना पर भले ही वाहवाही लूटी रही हो , लेकिन मैदानी स्तर पर सरकार की उचित मूल्य दुकान पर जो निम्न स्तर का गेहू मिल रहा है वो ग्रामीणो की परेशानी का सबब बना हुआ है । जिससे महिलाओं और ग्रामीणों में काफी आक्रोश है और सरकार को कोसते हुए नजर आ रहे हैं ।

जिले के ग्रामीण अंचल की मण्डली बड़ी राशन की दुकान पर राशन योजना के तहत ग्रामीणों को मुफ्त राशन वितरित किया जा रहा था लेकिन जब गांव की महिलाओं ने वितरित किया जा रहा गेहूं देखा तो आक्रोशित हो गई और कहने लगी यह देखो गेहूं तो घटिया क्वालिटी का हैं । गांव की महिला दितु बाई, गंगूबाई व अन्य महिलाओं ने बताया कि…. डांडा (जानवर )भी नहीं खा सकते हैं ऐसे गेहूं तो सरकार हमको देती है साफ करते हैं तो साफ भी नहीं होते हैं सब कचरा युक्त गेहूं हमको दिया जा रहा हैं । महिलाओ ने गेहू को सड़ा हुआ गेहू बताकर कहा कि इसको कैसे खाये…. सब गेहू धुले वाला ,गारा युक्त और कचरे वाला है जानवर नही खा सकते तो इंसान कैसे खाये । महिलाओं ने गेहूं की क्वालिटी पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए , इससे इंसान तो ठीक जानवर के के खाने लायक भी नहीं बताया । कुछ महिलाओं ने सड़े हुए गेहूं खाने से बीमार होने के बाद भी कही । इस तरह सड़े हुए गेहूं वितरण को लेकर ग्रामीण जन सरकार को कोसते हुए नजर आए । कई महिलाओं ने इस सड़े हुए गेहूं को लेने से इनकार कर दिया है और साफ-सुथरे गेहूँ की मांग कर रहे हैं । इस तरह के मामले को लेकर जब सरकार की राशन दुकान के कर्मचारी सेल्समैन प्रकाश राठौर से सवाल किया तो उन्होने बताया कि आगे से ही गेहू ऐसा आ रहा है मैने कुछ लोगो के गेहू बदले पर सभी कट्टो में ऐसे ही गेहू निकल रहे है लोग ले जाने से मना कर रहे है । शासन प्रशासन को चाहिए कि इस ओर ध्यान देकर उचित मूल्य की दुकानों पर साफ-सुथरे गेहूं का वितरण हो ऐसी व्यवस्था की जाना चाहिए ।

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