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जिले के मोस्ट निडेड बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाऐं सुनिश्चित की जाए- कलेक्टर श्री सिंह

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धार 23 अगस्त 2021/ विपत्तिग्रस्त महिलाओं एवं बच्चों की सहायता एवं उनको सुरक्षित वातावरण देकर उनका पुनर्वास करना ही हमारा परम कर्त्तव्य होना चाहिए।  जिससे की हम अधिक से अधिक बच्चों एवं महिलाओं की सहायता कर सके साथ ही विभाग की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र बच्चों एवं महिलाओ को मिल सके । जिले के मोस्ट निडेड बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाऐं सुनिश्चित की जाए।  यह बात कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागृह मे आयोजित समेकित बाल संरक्षण योजनांतर्गत जिला बाल संरक्षण समिति DCPC, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं एवं किशोर सशक्तिकरण अतंर्गत टास्क फोर्स एवं वन स्टॉप सेंटर (सखी) अतंर्गत टास्क फोर्स की बैठक में कही ।
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में निर्देश दिए कि जिले में कोविड-19 से प्रभावित बच्चों को शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे- पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना, स्पान्सरशिप एवं फॉस्टर केयर योजना से लाभान्वित करें एवं ऐसे बच्चों एवं उनके परिवार लिए कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हे आत्मनिर्भर बनाया जाये।  जिससे की वह अपना जीवन यापन कर सके। उन्होने निर्देश दिए कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग व जिला बाल कल्याण समिति सदस्य किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत् संचालित बाल देखरेख संस्था दिव्यांशी बालगृह, सिलकुआ में सतत निरीक्षण किया जाए । जिससे की बालगृह में निवासरत बालकों के लिए अधिक बेहतर व्यवस्था एवं वातावरण का निर्माण किया जा सके ।
वन स्टॉप सेंटर में विपतिग्रस्त महिलाओं एवं बच्चियों की सहायता एवं उन्हे संरक्षण देने हेतु अच्छा कार्य हो रहा है तथा आगे भी विभागीय अमले को और मजबूत करने की आवश्यकता है । जिससे की विपतिग्रस्त महिलाओं, बालिकाओं को बेहतर संरक्षण एवं विभागीय योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिल सके । जिलें में वर्ष 2020-21 मे जन्म के समय लिंगानुपात में वृद्धि हुई है, जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना का सकारात्मक प्रभाव है ।

    इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सुभाष जैन, जिला बाल कल्याण समिति ,चाईल्ड लाईन सदस्य एवं जिले में संचालित अशासकीय संस्था  सेव द चिल्ड्रन, एजुकेट गर्ल्स, एस. आर. एफ फाउंडेशन के सदस्य उपस्थित रहे ।
-टीकाकरण महाअभियान-2
वैक्सीन की प्रथम डोज आंशिक सुरक्षा, दूसरी डोज मतलब पूरी सुरक्षा
ऽ जी.एस.वाधवा
कोरोना महामारी के विरूद्ध पूरी तरह से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए वैक्सीनेशन काफी कारगर साबित हो रहा है। वैज्ञानिक तथ्य भी यही कहते हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज समय पर लग जाने से व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की संभावना 93 प्रतिशत तक घट जाती है। साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु की संभावना भी नगण्य हो जाती है। प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिये संवेदनशील राज्य सरकार लक्षित समूह को वैक्सीन का सुरक्षा कवच देने के लिए कटिबद्ध है। वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 25 एवं 26 अगस्त को दो दिवसीय टीकाकरण महाअभियान चलाया जाएगा।
कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर ने विश्व के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया था। कोरोना काल में अनेकों ने अपनी जान भी गंवाई। कोरोना के साथ लड़ाई में भारत ने कम समय में स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर एक अनूठा उदाहरण पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत किया। वैक्सीन का निर्माण जितनी तेजी से किया गया, उतनी ही रफ्तार से प्रदेशों में वैक्सीन पहुँचाई भी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने ष्सबको वैक्सीन-निरूशुल्क वैक्सीनष् मंत्र देकर वैक्सीन तक सभी की पहुँच सुनिश्चित की। वैक्सीन की उपलब्धता के साथ उसके उपयोग में मध्यप्रदेश पूरे राष्ट्र में अग्रणी रहा।
वैक्सीन के द्वितीय डोज का महत्व
कोरोना महामारी से बचाव के तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए कोविड-19 के दोनों डोज लगवाना अत्यन्त आवश्यक है। कोविड-19 टीके का प्रथम डोज मनाव शरीर में आंशिक सुरक्षा प्रदान करता है, जिसके लगने के बाद भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। वैक्सीन का द्वितीय डोज समयावधि में लगवाने से वैक्सीन की एफिकेसी सर्वाधिक रहती है। प्रदेश में अभी दो प्रकार की वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। चिकित्सकीय एवं वैज्ञानिक आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 84 दिन बाद द्वितीय डोज और कोवैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 28 दिन बाद द्वितीय डोज लेना जरूरी है। वैक्सीन की द्वितीय डोज लगने के 2 से 3 सप्ताह बाद ही शरीर में कोरोना बीमारी के विरूद्ध प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण रूप से विकसित होती है। साथ ही शरीर एक से अधिक प्रकार की एंटीबॉडी तैयार करता है जो कोरोना और उसके अन्य वेरिएंट के विरूद्ध बचाव करने में सहायक होती है।महाअभियान को सफल बनाने जन-भागीदारी भी जरूरी
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सिर्फ सरकार की ही नहीं, समाज की जिम्मेदारी भी है। हर नागरिक को स्व-प्रेरणा से आगे आकर सरकार द्वारा दिए जा रहे वक्सीन के सुरक्षा कवच को अपनाना होगा। यह अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए चलाए गए प्रथम टीकाकरण महाअभियान में राष्ट्रीय स्तर पर जो सफलता मिली, उसमें जन-भागीदारी की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता है। प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान का दूसरा चरण 25 एवं 26 अगस्त को होने जा रहा है। प्रथम महाअभियान की तरह इस महाअभियान में भी राज्य सरकार के प्रयासों के साथ जनता की भागीदारी भी बहुत जरूरी होगी।
वैक्सीनेशन के बाद भी सजग और सर्तक रहना है जरूरी
यूं तो वैक्सीनेशन की दोनों डोज लगवा लेने के बाद काफी हद तक कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हो जाता है। इसके बावजूद भी सजग और सर्तक रहने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस के प्रति अनुकूल व्यवहार को अपनाते रहना होगा, जिसमें मास्क लगाना, हाथों को समय-समय पर सेनेटाइज करना, ज्यादा भीड़-भाड़ न करना और न ही उसमें शामिल होने जैसी गतिविधियों को अपनाते रहना होगा। तभी हम अपने आपको और समाज को कोरोना वायरस से बचा पाएंगे।
नागरिकों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील सरकार
राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिये जो भगीरथी प्रयास किये वह किसी से छिपे नहीं हैं। कोरोना की जाँच से लेकर उपचार की जो व्यवस्थाएँ की गई, उससे प्रदेश में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है। वैक्सीन का सुरक्षा कवच हर नागरिक को मिल जाए, यह प्रयास राज्य की संवेदनशील सरकार ने किया है। इन प्रयासों में आम नागरिक के साथ धर्मगुरूओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, कोरोना वॉलेंटियर्स, शहरी-ग्रामीण जन-प्रतिनिधियों के साथ समाज के हर वर्ग को आगे आकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी के साथ वैक्सीनेशन महाअभियान में सहयोग करना होगा।
प्रदेश में 4 करोड़ के पार हुआ वैक्सीन डोज का आंकड़ा
वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर यदि नजर डाले तो हम पायेंगे कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए लक्षित समूह की संख्या 5 करोड़ 49 लाख है, जिसके विरूद्ध अब तक प्रदेश में 4 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें से वैक्सीन की दूसरी डोज 65 लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है। वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करने के लिये मध्यप्रदेश में टीकाकरण महाअभियान का दूसरा चरण 25 अगस्त से प्रांरभ किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य वैक्सीन के दूसरे डोज का कव्हरेज बढ़ाना भी है।

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