धार 5 सितम्बर 2021/ स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षक भारत की शिक्षा व्यवस्था के आदर्श, मूल्य और संस्कार के वाहक हैं। शिक्षक भारत की सनातन परंपरा का पालन करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाने लिखाने तक सीमित न होकर, उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला एक व्यक्तित्व है। श्री परमार वल्लभ भवन में वर्चुअली ऑनलाइन आयोजित “राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह” में शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर रहे थे। यहां कलेक्ट्रेट स्थित वीसी कक्ष में सीईओ जिला पंचायत आशीष वशिष्ठ ने शा.कन्या.उ.मा.वि. सागौर के शिक्षक बालकृष्ण शर्मा को शाल-श्रीफल, प्रमाण पत्र, चेक आदि वितरित किए। शिक्षक श्री शर्मा को यह पुरस्कार शाला में औद्योगिक प्रतिष्ठानों के सहयोग से 1 करोड़ 75 लाख रुपए के कंप्यूटर लैब, प्रोजेक्टर प्रायोगिक लैब, असेम्बली शेड, लाइब्रेरी, फर्नीचर आरओ आदि संसाधन जुटाने तथा संस्था का विगत 5 वर्ष परीक्षा परिणाम 90% से अधिक रहा है इसलिए दिया गया। मंत्री श्री परमार ने उन्हें वर्चुअली बधाई भी दी।
मंत्री श्री परमार ने शिक्षकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य को आकार देते है और इस तरह राष्ट्र के भावी भविष्य का निर्माण करते है। इस नेक योगदान के कारण ही शिक्षक समाज के सबसे ज्यादा सम्मानित सदस्य हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से 27 शिक्षकों का सम्मान करते हुए श्री परमार ने कहा कि यह सम्मान प्रदेश के हर शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हर अधिकारी-कर्मचारी का सम्मान है। श्री परमार ने भोपाल जिले की शिक्षिका श्रीमती वंदना पांडे को मंत्रालय में सम्मानित करते हुए प्रदेश के विभिन्न जिलों के एनआईसी कक्षा से जुड़े शिक्षकों को शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और 25 हज़ार रुपये की सम्मान राशि से सम्मानित किया।
आचार्य चाणक्य का अनुसरण कर भारत को बनाये विश्वगुरु
राज्यमंत्री परमार ने सभी शिक्षकों को आचार्य चाणक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि आचार्य चाणक्य ने देश को संगठित और विदेशी शक्तियों का नाश कर अखंड भारत का निर्माण किया था। एक बार पुनः शिक्षा के क्षेत्र में भारत का पुनर्निर्माण किया जाना है। देश के अच्छे नागरिक को विकसित करने के साथ विद्यार्थी के अंदर संवेदनशील व्यक्तित्व का निर्माण करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। श्री परमार ने सभी शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में भारत को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने का आग्रह भी किया।
कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों को दी श्रद्धांजलि
श्री परमार ने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में शिक्षा व्यवस्था के दिवंगत हुए सभी शिक्षकों और स्टाफ को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा हमारे शिक्षकों ने कोरोना संकटकाल के दौरान शासन द्वारा सौपे विभिन्न दायित्यों का निर्वहन कर आमजन को राहत पहुंचाने के साथ-साथ विद्यार्थियों की शिक्षा निरंतर रखने का उत्कृष्ट कार्य किया है। भविष्य में जब इतिहास लिखा जाएगा तो शिक्षा क्षेत्र में उनका स्मरण और योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
अपनी क्षमताओं से आगे बढ़कर निभाया शिक्षकों ने कर्तव्य- प्रमुख सचिव श्रीमती शमी
प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने कोरोना संकटकाल के दौरान शिक्षकों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के सभी शिक्षकों ने पाठ्यपुस्तक से आगे बढ़ते हुए नित नए प्रयोग कर शिक्षा व्यवस्था को निरंतर रख विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। ‘हमारा घर हमारा विद्यालय’, डिजिलेप और यूट्यूब पर कक्षाओं जैसी प्रयोग सिर्फ इसलिए सफल रहे क्योंकि हमारे शिक्षकों ने पूरी ईमानदारी और क्षमताओं से आगे बढ़कर अपना कर्तव्य निभाया है। श्रीमती शमी ने कोरोना वायरस से दिवंगत शिक्षकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं भी दी।