झाबुआ : – जिले का राष्ट्रीय राजमार्ग इन दिनों अवैध डीजल विक्रेताओं के लिए जन्नत साबित हो रहा है । नियम और कायदों से परे अवैध डीजल विक्रेताओं द्वारा रात के अंधेरे मे अवैध धंधे को अंजाम दिया जा रहा है । गैस टैंकर से अवैध रूप से गैस निकालने का मामला हो या फिर डामर से भरे टैंकरों से अवैध डामर निकालकर कालाबाजारी करने का मामला हो या फिर नकली डामर प्लांट के संचालन का मामला हो, लेकिन प्रशासन ने कारवाई के नाम पर मात्र कागजी खानापूर्ति ही की हैं ।
गुजरात राज्य से सटे हुए और मध्य प्रदेश के आखिरी छोर पर बसा ग्राम पिटोल का नाम सुनते ही अवैध धंधों का क्षेत्र की पहचान लगभग बन चुकी है । राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों माल वाहनों की आवाजाही बनी रहती है यही कारण है कि अवैध धंधे वालों के लिए मध्य प्रदेश का यह आदिवासी बाहुल्य जिला उपजाऊ जमीन की तरह साबित हो रहा है साथ ही अन्य प्रदेश से अब अवैध परिवहन का जरिया भी बन चुका है। पिटोल बेरियर पर जहां दलालों के संरक्षण में बिना बिल के लाखों रुपए का माल गुजरात राज्य से मध्य प्रदेश की ओर रोजाना आ रहा है जिससे शासन को लाखों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है । वही अवैध कार्यों को अंजाम देने वाले दलालों ने पिटोल को ही अपना कार्यालीन स्थल बना लिया है । अवैध परिवहन के अतिरिक्त पिटोल बैरियर पर अवैध वसूली ,अवैध शराब परिवहन के अलावा पिटोल इन दिनों भारी अवैध धंधे वालों के लिए या नकली इंधन.:- बायोडीजल विक्रय के लिए बहुत पसंद किया जा रहा है । अवैध धंधेबाज. कालाबाजारी के इस माल को या नकली इंधन को इस नेशनल हाईवे के जरिए भी खपाते आ रहे हैं ।इन दिनों जिले के क्षेत्र में नकली इंधन के अवैध कारोबारियों की बाढ़ सी आई हुई है । पिटोल से लेकर माछलिया तक अवैध रूप से नकली इंधन का विक्रय लगातार किया जा रहा हैं । स्थिति यह है कि पिटोल, फुलमाल , मसूरिया , देवझिरी ,छापरी ,कालीदेवी, जूनापानी आदि अनेक. स्थानो को अवैध डीजल व्यापारियों ने अपना अड्डा बनाया हुआ है । या यूं कह सकते हैं पिटोल से लेकर माछलिया तक राष्ट्रीय राज मार्ग के विभिन्न स्थानों पर खुलेआम और चोरी छुपे डीजल बेचने वालों के लगभग दर्जन भर से अधिक ठिकाने हैं । दिन के उजाले को छोड़कर रात्रि में जगह-जगह अवैध डीजल विक्रेताओं के यहां वाहनों का जमावड़ा आसानी से देखा जा सकता है । इन अवैध पंप सचालको के यहा, कुछ जगह पर खुले आसमान के नीचे मात्र डीजल भरने वाली मशीन और कर्मचारी ही होते हैं । जानकारी अनुसार पंप संचालन के लिए नियम और कायदे और कागजी खानापूर्ति काफी जटिल है । इसलिए इन अवैध डीजल विक्रेताओं ने आदिवासियों की भूमि को किराए पर लेकर मशीनें लगा दी और अवैध रूप से डीजल का विक्रय प्रारंभ कर दिया । जहां सुरक्षा मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है । सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि यह अवैध और असुरक्षित रूप से कथित नकली इंधन बायोडीजल विक्रय करने वाले खुलेआम धंधा कर रहे हैं और प्रशासन इनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पा रहा है । एकाध कार्रवाई को छोड़ दे ,तो जिले में अवैध डीजल विक्रेताओं की बाढ़ सी आ गई है अवैध रूप से जगह-जगह बिक रहे बायोडीजल या नकली.इंधन को लेकर प्रशासन की कार्यप्रणाली भी समझ से परे हैं । क्योंकि जहां नकली इंधन को लेकर कार्रवाई की गई, वहां पर न तो पंप सील किए गए और न अवैध रूप से बनाए गए टीन शेड तोड़े गए और न हीं अवैध डीजल विक्रेताओं के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराई गई । और तो और डीजल के अतिरिक्त मशीनें भी जप्त नहीं की । सारे नियम कायदों को ताक में रखकर और मात्र सेटिंग के सहारे यह अवैध धंधा जोर-शोर से जिले में अपने पैर पसार रहा है । अवैध रूप से बिक रहे इस नकली इंधन के कारण क्षेत्र में वैध पंप संचालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है वैध पंप संचालक की बिक्री में लगभग 50% तक कमी आई है जिसके कारण पूर्व में वैध पंप संचालको ने प्रशासन से इसकी शिकायत भी की ।लेकिन कागजी खाना पूर्ति हेतु कार्रवाई की गई और स्थिति यथावत हो गई । लचीली प्रशासनिक कार्रवाई के कारण अवैध धंधे वालों ने बॉर्डर के इस पार सारे नियम कायदों को ताक में रखकर राष्ट्रीय राजमार्ग के कई क्षेत्रों में अपना ठिकाना बनाया हुआ है और नियमों से वितरित बायोडीजल का व्यापार धड़ल्ले से कर रहे हैं । अवैध रूप से डीजल बिक्री करने वालों में जमकर प्रतियोगिताएं चल रही है वहीं प्रशासन इन पर अंकुश लगाने में नाकामयाब ही साबित हो रहा है । यहां पर तो एक यह कहावत चरितार्थ होती हुई नजर आ रही है …कि ना नियम ना कायदा…. बस सेटिंग ही सेटिंग ……और फायदा ही फायदा…..।
देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज
प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंच है यहाँ विभिन्न टीवी चैनेलो और समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकार अपनी प्रमुख खबरे प्रकाशन हेतु प्रेषित करते है।