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झाबुआ

पीएचई सबडीवीजन कैंपस झाबुआ में जिला स्तरीय लैब का ठेकेदार द्वारा घटिया व निम्न स्तर का रिनोवेशन कार्य किया…….

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झाबुआ – झाबुआ पीएचई विभाग में अंधेर नगरी और चौपट राजा की तर्ज पर काम किया जा रहा है जहां पर विभागीय ठेकेदार द्वारा मनमानी कार्यशैली से कार्य करते हुए झाबुआ सबडिवीजन कैंपस मे जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला मे घटिया व निम्न स्तर का रिनोवेशन कार्य किया गया ,जिसे विभाग द्वारा संभवत: ओके भी कर दिया गया । जबकि दिए गए निर्देशानुसार कार्य नजर ही नहीं आ रहा है कहीं न हीं कही विभाग द्वारा ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है । जो जांच का विषय है ।

पीएचई विभाग झाबुआ द्वारा जल परीक्षण प्रयोगशाला अंतर्गत रिनोवेशन ऑफ डिस्ट्रिक्ट लैब ऐट सबडिवीजन केंपस झाबुआ अंतर्गत विभिन्न कार्य जैसे पेंटिंग कार्य,खिड़कियों में एलुमिनियम सेक्शन कार्य , छत पर सीलर कोड , पेवर ब्लॉक लगाना , टीन सेट निर्माण , स्टील कार्य आदि 12 कार्य हेतु , तय मापदंड अनुसार कार्य करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई । लेब रिनोवेशन कार्य की कुल लागत ₹747000 है । संभवतः भोपाल की किसी फर्म या ठेकेदार द्वारा यह कार्य किया जा रहा है यदि इस कार्य पर गौर करें तो जिला स्तरीय लैब का घटिया स्तर का रिनोवेशन कार्य किया गया । कार्य में दिए गए स्पेसिफिकेशन अनुसार कार्य संपादित नहीं किया गया । ऐसा लगता है कि भारी गोलमाल किया गया है । कार्य को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिर्फ लीपापोती कर दी गई है । यदि हम बात करें पेंटिंग कार्य की तो पेंटिंग कार्य में डीलक्स multi-surface पेंट का उपयोग न किया जाकर लोकल पेंट लगा दिया गया है प्रथम प्राइमर कोट भी नहीं की गई । यदि हम बात करें पुताई कार्य की तो , एक्सटीरियर पेंट का उपयोग किया जाना चाहिए था लेकिन पुताई कार्य को देखकर ऐसा लग रहा है कि दो-तीन साल पुराना हैं क्योंकि पेंट में चमक है ही नहीं । वहीं यदि टेक्सचर्ड एक्सटीरियर पेंट का उपयोग किया गया होता , तो संभवत चमक नजर आती । एलुमिनियम कार्य की बात करें तो खिड़कियों में एलुमिनियम सेक्शन व ग्लास का उपयोग किया गया है क्लास बिलो स्पेसिफिकेशन का तथा उसके आसपास EPDM गास्केट का उपयोग भी नहीं किया गया , जिसके कारण गलास जल्दी टकराकर टूट जाएंगे । यदि बात करें छत पर सिलर कोट की , तो नियम अनुसार वह कार्य भी नहीं किया गया , जिससे पानी लीकेज होने की पूरी संभावना है । यदि पेवर ब्लॉक की बात करें तो यह लोकल बनाए गए हैं M-30 ग्रेड के नहीं है पेवर ब्लॉक का बेस 50mm मोटा पत्थर व चूरी से बनाना था परंतु ऐसा नहीं करने से पेवर ब्लॉक अभी से ऊंचे नीचे हो गए हैं व समतल भी नहीं है । स्टील कार्य घटिया किस्म का किया गया है जिस पर स्टील प्राइमर व पेंट का उपयोग भी नहीं किया गया है । इस तरह ठेकेदार द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य किया गया है जिससे विभागीय कर्मचारी व अधिकारी द्वारा भी संभवत: ओके कर दिया गया है । आखिर क्या कारण है कि इस तरह के घटिया पर निम्न स्तर के रिनोवेशन कार्य को विभाग द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है और तय स्पेसिफिकेशन अनुसार कार्य भी नहीं किया गया ।जिससे ऐसा प्रतीत होता हैं कि ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है यह जांच का विषय है । कया शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर इस तरह के घटिया रिनोवेशन कार्य की कोई जांच करेगा या फिर पीएचई विभाग इस भोपाली ठेकेदार को घटिया स्तर के कार्य के लिए भुगतान करेगा…..?

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