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झाबुआ

संगीत साधक चन्द्रराज शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनि है

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संगीतसाधना के माध्यम से अखिल भारतीय स्तर पर स्थान बनाना चाहते है झाबुआ के लाल ।
झाबुआ । बडे भाई चेतन शर्मा और पिता महेश जी शर्मा दोनों सिंगर इसलिए मुझे संगीत विरासत में मिला। तभी मैंने तय कर लिया था कि सिंगर एवं संगीतकार बनना है । यह कहना है झाबुआ नगर की उभरती संगीत प्रतिभा चन्द्रराज शर्मा का । स्थानीय चन्द्र शेखर आजाद शासकीय उपाधी महाविद्यालय झाबुआ में बीए फायनल में अध्ययन करने वाले 24 वर्षीय चन्द्रराज शर्मा का लगाव बचपन से ही संगीत से रहा हे । दादाजी स्वर्गीय नानालाल शर्मा नीमच में प्रसिद्ध संगीतकार रहे है, वे शास्त्रीय संगीत के एक सशक्त हस्ताक्षर माने जाते रहे हे । मेरे पिताजी महेश शर्मा भी मेरे दादाजी से बचपन से ही शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत में गायन, वादन की शिक्षा प्राप्त की तथा संगीत में उन्होने एम म्यूज की डिग्री प्राप्त करके इन्होने भी करीब 500 से अधिक युवाओं एवं छात्रों को संगीत एवं गायन वाद का प्रशिक्षण देकर उन्हे बीम्यूज एवं एमम्यूज की डिग्रिया हांसील करवाई है । पिताजी वर्तमान में हार्टिकल्चर विभाग में काम कर रहे है ।
चन्द्रराज ने अपनी संगीत साधना के बारे में बताया कि बचपन से ही संगीत के प्रति रूचि एवं लगाव होने के चलते उन्हे आकाशवाणी एवं दूर दर्शन पर भी अपनी संगीत प्रस्तुतिया देने का मौका मिला है। उन्होने बताया कि वे इस साल एमम्यूज की डिग्री प्राप्त करने के लिये सतत संगीत साधना, रियाज करते है। प्रदेश के नीमच, रतलाम, इन्दौर, आलीराजपुर, धार, मंदसौर, राजस्थान के झालावाड, पाटन ,झाबुआ, पिपलखुटा, मेघनगर, भाबरा, रानापुर में भी अपने कार्यक्रम दिये है तथा संगीता प्रमियों का इन्हे भरपुर आशीर्वाद भी मिला हे ।उन्होने बताया कि गायन में वे शास्त्रीय एवं सुगम दोनों संगीत को कुशलता के साथ प्रस्तुत करते है । वही सभी प्रकार के वाद्ययंत्र जेैसे हार्मोनियम, तबला, ढोलक,गिटार, बेंजो, बांसूरी,कोंगो,, माउथ आर्गन, हामोनिका, सेक्सोफान, वायलिन, अकार्डियन, ढपली, आक्टोपेड, आदि सभी वाद्य यंत्रों को सक्षमता के साथ बजा लेते है । उनका कहना है कि पढाई के साथ ही वे धार्मिक आयोजनों में भी निशुल्क अपनी सहभागिता भी करते है । उन्होने बताया कि उनके पिताजी शारदा स्वर मंदिर संगीत क्लास के माध्यम से युवाओं एवं संगीत प्रेमियों को प्रतिदिन प्रशिक्षित भी करते हे । झाबुआ नगर के इस होनहार एवं बहुप्रतिभाशाली युवक की आकंक्षा है कि वे एक दिन वे अखिल भारतीय स्तर पर अपना कार्यक्रम देकर झाबुआ शहर का नाम रोशन करेगें ।
चित्र- श्री चन्द्रराज शर्मा

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