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झाबुआ

पड़ने लगी ठंड की मार, अब तो अलाव जला दो नगर सरकार

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अभी तक नगरपालिका ने अलाव की व्यवस्था की ओर ध्या नही नही दिया ।
झाबुआ । बीते 3-4 दिनों से सर्दी का सितम शुरू हो गया है, सर्दी की ठिठुरन में घरों में रहने वालों से ज्यादा सड़क किनारे रहने वालों लोगों पर अपना असर दिखाने लगी है। सड़क पर दिन-रात काम करने वाले मजदूर, चालक और रेहड़ी लगाने वालों के साथ अंधेरा ढलते ही मुश्किल का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे लोग शरीर को गर्म करने के लिए आसपास के लकड़ी व अन्य सामग्रियों को जलाकर अलाव की व्यवस्था तो कर रहे हैं। परंतु यह ना काफी साबित हो रहा है। लोगों का कहना है कि सरकारी स्तर पर नगर पालिका द्वारा प्रत्येक वर्ष किया जाने वाला अलाव की व्यवस्था किए जाते काफी देर हो जाती है। स्थानीय लोगों ने नगर पालिका से शीघ्र ही शहर के सभी मुख्य स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था करने की मांग की है।
ठंडा हो रहा देह है आग की दरकार, कहां हैं बाबू सरकारी और किधर है सरकार.। जी हां यह कोई जुमला नहीं बल्कि लोगों के दिलों से शब्दों के रूप में निकल रही एक कसक है, दरअसल अचानक बढ़ी ठंड ने लोगों को कंपकंपाना शुरू कर दिया है, लेकिन सरकारी तौर पर अभी तक अलाव की नहीं हुई व्यवस्था ने ठंड की सितम को और बढ़ा दिया है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि सर्दी के दिनों में गरीबों व जरूरतमंद लोगों को सरकारी तौर पर मिलने वाले कंबल का लाभ समय पर नहीं मिल पाता है, जिससे गरीबों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
नगर के हृदय स्थल कहे जाने वाले श्री गोवर्धननाथजी की हवेली पर प्रतिदिन पांच बार भगवान गोवर्धननाथ जी के दर्शनों के लिये पट खुलते है और बडी संख्या में वरिष्ठ नागरिक, वृद्धजन एवं श्रद्धालुजन दर्शनार्थ आते हे । पिछले तीन-चार दिनों से बढती शीत लहर के चलते दर्शनों के बाहर बैठ कर इन्तजार करने वाले श्रद्धालुओं को ठंड में ठिठूरना पडता है। रविवार को शीतलहर के चलते राजेन्द्र अग्निहोत्री, निरंजनभाई, शेष नारायण मालवीय आदि श्रद्धालुओं ने यहां वहां से लकडी की व्यवस्था करके अलाव जलाया जिससे श्रद्धालुओं को राहत मिली । ज्ञातव्य है कि हर वर्ष नगरपालिका की ओर से मंदिर के बाहर अलाव जलाने के लिये लकडियों की व्यवस्था की जाती रही है, किन्तु दिसम्बर समाप्ति की ओर से और भयंकर शीत लहर के बाद भी नगरीय प्रशासन की ओर से तापने के लिये अलाव की लकडियों का प्रबंध नही किया गया है। स्वयं नगरपालिका अध्यक्षा श्रीमती मन्नुबेन भी इस मंदिर में आती रहती है।उनके संज्ञान में भी यह बात है ।
वही नगर के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती ठंड को देखते हुए शहर के बसस्टेंड, राजवाडा चौक, बाबेल चौराहा, राजगढ नाका, पुलिस लाईन, गोपाल कालोनी, मनकामेश्वर मंदिर चौराहा, अस्पताल परिसर सहित अन्य जगहों पर रोजाना सुबह.शाम अलाव की व्यवस्था नगर परिषद और प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए।
ठंड का असर ग्रामीण अंचल में भी हो रहा है। जहां शाम होते ही ग्रामीण लकड़ियों का उपयोग कर अलाव जला रहे हैं। इसके अलावा घरों में गोबर के कंडे, लकड़ी जलाकर ठंड से बचने का प्रयास किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर घरों में रात के समय ठंड से बचने के लिए रूम हीटर का भी उपयोग किया जा रहा है। इन दिनों ठंड जोरों पर है। इससे बचाव के लिए लोग विभिन्न जतन कर रहे हैं। एक सप्ताह से अधिक समय से सर्दी के प्रकोप से जहां सुबह व रात का पारा काफी नीचे आ गया है वहीं दिन का तापमान भी काफी कम हो रहा है। इन सर्द हवाओं व कंपकंपा देने वाली ठंड से बचाव के लिए अभी तक नगर प्रशासन ने नगर में कहीं भी अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की है। जबकि शासन को ठंड शुरू होते ही अलाव की व्यवस्था करनी चाहिए।
नगर पालिका द्वारा ठंड के जोर पकड़ते ही नगर के विभिन्न स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है। इसमें मुख्य चौराहों, गरीब बस्तियों, अस्पताल, बस स्टैंड आदि स्थानों पर शासकीय अलाव जलाए जाते हैं। इससे अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सके। इस बार तापमान में अधिक गिरावट होने के बाद भी यह व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है।

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