माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायालय झाबुआ श्री ए.ए. खान सा. ने वि.सत्र प्रकरण क्र.-07/2015 मे पटवारी सोमसिंह डामर ने आवेदक किसान रामा सोलंकी से खाता खसरा निकालने , रिकॉर्ड दुरुस्त करने और डाटा एंट्री करने के नाम पर रुपये 2500 रिश्वत की मांग की | जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा इंदौर लोकायुक्त पुलिस की व ट्रैप दल द्वारा पटवारी को ₹2000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा |मामला न्यायालय में पेश किया गया जहां पर कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपी पटवारी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई |
सूचना मिडिया प्रभारी श्री राजेन्द्रपालसिं अलावा ने बताया कि दिनांक 21.09.14 को आवेदक श्री रामा सौलंकी पिता श्री बाबू सौलंकी ने लोकायुक्त पूलिस इन्दौर को उपस्थित होकर आवेदन पेश किया कि आवेदक के पिताजी श्री बाबू पिता श्री धारजी के नाम से ग्राम कस्याखाली के सर्वे क् 4/1,5,89,97,109,112,124,164,179 में कुल 2.91 हेक्टेयर भूमि है, आवेदक के पिताजी के नाम का किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए खसरा नकल निकालने पर कम्प्युटर से केवल सर्वे क्र. 4/1 एवं 5 की खसरा नकल आवेदक के पिताजी के नाम से निकलती है, शेष सर्वे न. सरकारी होना बताये जाते है आवेदक के पिताजी ने रिकार्ड दुरूस्त करने के लिए करीब डेढ माह पूर्व तहसीलदार पेटलावद को आवेदन दिया था, आवेदक इस संबंध में पटवारी आरोपी सोमसिंह डामर से मिला तो उसने रिकार्ड दुरूस्त करने और डाटा एण्ट्री करने के लिए 2500 रूपये रिशवत की मांग की। आवेदक पटवारी को रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिए उसने आवेदन पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर के समक्ष प्रस्तुत किया। तस्दिक के लिए उक्त प्रकरण एस पी महोदय द्वारा आशा सेजकर, निरीक्षक, विपुस्था लोकायुक्त इंदौर को दिया गया। विधिवत पंचनामा बनाकर दिनांक 26.09.2014 को ट्रेप दल द्वारा आरोपी श्री सेमसिंह डामर को 2000 रूपये की रिशवत लेते हुए गिरफ्तार किया। अनुसंधानकर्ता आशा सेजकर एवं श्री युवराज सिंह निरीक्षक विपुस्था लोकायुक्त इंदौर ने अनुसंधान पूर्ण किया।
प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना के पश्चात माननीय विशेष अपर सत्र न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) झाबुआ में पेश किया गया ।
माननीय न्यायालय द्वारा विचारण के दौरान आई साक्ष्यों पर विश्वास करते हुए माननीय विशेष अपर सत्र न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) झाबुआ द्वारा दिनांक 11.12.2018 को निर्णय पारित कर आरोपी सोमिंसह डावर को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अपराध में 4 वर्ष का सश्रम कारावास तथा रू. 5000 अर्थदण्ड से तथा धारा 13(1)डी, सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अपराध में 4 वर्ष का सश्रम कारावास तथा रू.5000 अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
प्रकरण में पैरवी श्री के.एस. मुवेल, उप संचालक (अभियोजन) झाबुआ द्वारा की गई।
सूचना मिडिया प्रभारी श्री राजेन्द्रपालसिंह अलावा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला झाबुआ द्वारा दी गई ।