जिले की छात्र-छात्राएं गणवेश से वंचितअधर में लटकी योजना,लाखों दबाने में बैठे हैं आला अधिकारीशिक्षा सत्र समाप्ति की ओर15 अगस्त के पहले मिल जानी थी गणवेशझाबुआ। जबकि नया शिक्षा सत्र अप्रैल माह से ही प्रारंभ हो चुका होता है वहीं छात्र-छात्राएं जुलाई से इसे अपना श्री गणेश मानते हैं वहीं प्राइमरी से मिडिल स्कूल तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं को शासन द्वारा हर वर्ष गणवेश वितरण की जाती है लेकिन इस बार विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण शिक्षा सत्र समाप्ति की और है। वहीं गणवेश वितरण के अते पते तक जिले में नहीं है। वहीं फरवरी 2019 में परीक्षाओं का दौर भी प्रारंभ होने वाला है दिसंबर माह खत्म होने पर है जनवरी माह के बाद फरवरी माह में तो परीक्षाएं विद्यार्थियों की चालू होने को है मात्र जनवरी माह विद्यार्थियों के पास बचा हैलेकिन अभी तक छात्र-छात्राओं को गणवेश पहनने के वेले पढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं शासन द्वारा तो जमीनी धरातल पर विद्यार्थियों के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन कमीशन खोरी व भ्रष्टाचार की लत लगाएं अघिकारी अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि छात्र-छात्राओं को गणवेश कब तक मिल पाएगी जिससे जिले भर के छात्र-छात्राएं गणेश पहनने में फिलहाल वंचित है नौनिहाल बच्चे अपने फटे पुराने कपड़े पहन कर के ही शाला में अध्ययन करते हुए देखे जा रहे हैं जिससे बड़ा सवालिया निशान है कि अघिकारीयो द्वारा भ्रष्टाचार की लत के कारण अभी तक गणवेश वितरण नहीं हो पाया है जिसके छात्र छात्राओं को बटने वाले गणवेश इस बार ऐसा ना हो कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती हुई दिखाई दे। इससे साफ जाहिर है कि छात्र छात्राओं को देने वाली गणेश ड्रेस 15 अगस्त के पहले वितरित हो जाना थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। जो गणवेश 5 माह पूर्व ही वितरित हो जाना था आखिर ऐसा क्या हुआ कि यह गणवेश अभी तक कौनसे गोडाउन में धूल खा रही है इसका अंदाजा अधिकारियों की एक दूसरे पर पलटवार करते साफ दिखाई दे रहे हैं मात्र अघिकारी इसकी टोपी उसके सर रख कर के अपना पल्ला झाड़ते हुए साफ बजते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन किन जिम्मेदारों के कारण यह गणवेश वितरण नहीं हो पाई है जबकि शासन की योजना के फंड पहले ही विद्यार्थियों के लिए संयोजित कर दिया था। आखिर इतना लेट लतीफ क्यों किया गया आखिर इसका जिम्मेदार कौन है जिससे यह गणवेश अभी तक विद्यार्थियों को नहीं मिल पाई है आखिर जमीनी धरातल पर विभागीय सिस्टम आखिर क्या गोलमोल कर रहा था जिसके कारण यह योजना फिलहाल तो अधर में लटकी हुई दिखाई दे रही है यदि समय रहते लोग जागरुक नहीं हुए तो विद्यार्थियों को आई गणवेश ड्रेस जिम्मेदार विभाग पलीता लगाने से नहीं चूकेगे।पीड़ित पिता बोलेमेरी लड़कियां बड़ी कयडावद में पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल में जा रही है लेकिन अभी तक उनको स्कूल ड्रेस नहीं मिली है मुझे लगता है अघिकारी लोग इन बच्चों को मिलने वाली ड्रेस का पैसा खा गए हैं इसके लिए अभी तक मेरी बच्ची को स्कूल ड्रेस से वंचित है परीक्षाएं भी नजदीक आ गई है अब मिलने की संभावना कम ही है। राजेश गहलोत ग्राम कयडावद बड़ीजिम्मेदार बोलेइस बार हमारे द्वारा गणवेश वितरण नहीं की जा रही है इसका दायित्व एनआरएलएम व जिला पंचायत विभाग देख रहा है आप उनसे ही जानकारी ले क्यों नहीं वितरण हुई यह वही बता सकते हैं।लक्ष्मीनारायण प्रजापतडीपीसी अघिकारीकलेक्टर जिला पंचायत व विधायक से मिलकर के जल्द ही गणवेश वितरण कर दी जाएगी।विशाल रायजिला परियोजना प्रबंधक19 झाबुआ 1- ग्राम मीडल में गणवेश से वंचित नौनिहाल छात्राएं