रतलाम । राजनीति में कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, यह बात सुनी तो बहुत है आज उदाहरण भी देख लिया। धुर राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले मप्र के पूर्व गृहमंत्री और पूर्व महापौर पारस सकलेचा ‘दादा’ का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दोनों ही बड़े सौहार्दपूर्ण चर्चा करते नजर आ रहे हैं। नगरीय निकाय चुनाव के इस दौर में यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का मानना है कि यह वीडियो कोई आगामी दिनों में कोई नया गुल खिला सकता है।
मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी और रतलाम के पूर्व महापौर पारस सकलेचा ‘दादा’ दोनों ही रतलाम के निवासी हैं। कोठारी जहा भाजपा के कद्दावर नेता हैं वहीं सकलेचा कांग्रेस से जुडे हैं। रविवार को शहर के एक प्रसिद्ध मैरिज गार्डन में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान दोनों अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान दोनों ही न सिर्फ आसपास बैठे बल्कि चर्चा भी मित्रवत की। उन्हें इस तरह चर्चा करते देख लोग हैरान रह गए। लोगों के आश्चर्य का ठिकाना उस समय नहीं रहा जब कोठारी ने मंच से संबोधित करते हुए सकलेचा के लिए ‘पूर्व विधायक’ का संबोधन दिया। यह पहला मौका है जब कोठारी ने सकलेचा को पूर्व विधायक माना।
31 हजार से अधिक वोट से जीते थे सकलेचा, कोठारी ने दी थी चुनाव को चुनौती दरअसल 2008 के विधानसभा चुनाव में कोठारी भाजपा से और सकलेचा निर्दरीय उम्मीदवार के रूप में रतलाम शहर से विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी होकर सकलेचा ने 31 हजार से ज्यादा वोटों से कोठारी को हराया था। इस चुनाव में सकलेचा को जहां 62 हजार 360 वोट मिले थे वहीं कोठारी को सिर्फ 31 हजार 290 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी प्रमोद गुगालिया की जमानत जब्त हो गई थी। कोठारी ने इस चुनाव को पहले निर्वाचन आयोग और उसके बाद न्यायालय में चुनौती दी। इतना ही नहीं मामला राष्ट्रपति तक भी गया था। कोठारी का आरोप था कि सकलेचा ने चुनाव के दौरान सभाओं में उनके खिलाफ कई झूठे और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में सकलेचा की चुनवी सभाओं की रिकॉर्डिंग की सीडी भी पेश की थी। करीब पांच साल तक विधायक रहने के बाद निर्णय सकलेचा के विरुद्ध आया। हालांकि तब तक सकलेचा का कार्यकाल पूरा हो चुका था। बाद में यह मामला राष्ट्रपति के पास विचारार्थ भेजा गया। जहां से सकलेचा को एक वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य भी घोषित किया था।
सकलेचा ने ये लगाए थे कोठारी पर आरोप
तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी के खिलाफ पारस सकलेचा ने प्रचार के दौरान गैर वाजिब तरीके से करोड़ों रुपयों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था। उनके आरोपों में बेंगलुरू में कोठारी का सात सितारा होटल, मुंबई में करोड़ों रुपए कीमत की संपत्ति और गृह मंत्री रहते हुए मध्यप्रदेश पुलिस के लिए डंडे और बंदूकों की खरीदी में भ्रष्टाचार आदि आरोप शामिल थे।
6 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया था
बता दें कि, इन आरोपों के विरुद्ध कोठारी ने हाईकोर्ट में सकलेचा के खिलाफ अपील की थी। मार्च 2013 में हाईकोर्ट ने पारस सकलेचा का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था। कोर्ट ने सकलेचा को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सकलेचा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ही भारत निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए थे कि वे राष्ट्रपति से पारस सकलेचा पर प्रतिबंध लगाने संबंधी फैसला लें। आयोग के पत्र पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 29 मई 2015 को पारस सकलेचा को एक साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था। राष्ट्रपति का फैसला प्रकाशन दिनांक से एक साल के लिए मान्य होना था। इससे उसे 19 फरवरी 2016 से लागू माना गया।
इसलिए पूर्व महापौर के रूप में ही किया जाता है संबोधित
बता दें कि सकलेचा के चुनाव के विरुद्ध आए निर्णय के बाद से पूर्व गृह मंत्री कोठारी ही नहीं, सभी सकलेचा को पूर्व विधायक के बजाय पूर्व महापौर के रूप में ही संबोधित करते हैं। वहीं दूसरी ओर सकलेचा समर्थक उन्हें पूर्व विधायक के रूप में ही संबोधित करते हैं। ऐसा इसलिए कि महापौर पूर्व में रतलाम से निर्दलीय चुनाव जीत कर महापौर पद पर भी काबिज रह चुके हैं। ऐसे में लंबे अरसे बाद खुद भाजपा नेता कोठारी द्वारा सकलेचा को सामाजिक समारोह में पूर्व विधायक कह कर संबोधित करने से सभी हैरान रह गए। माना जा रहा है कि मौजूदा चुनावी माहौल में दोनों के बीच कुछ न कुछ नया पक रहा है जो आने वाले दिनों में कोई नया रंग दिखा सकता है। बता दें कि दोनों के पारिवार के बीच नजदीक का रिश्ता भी है।–साभार-