राजगढ़ (धार) । शुक्रवार को दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के षष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न एवं अष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा. एवं मुनिराज श्री जिनभद्रविजयजी म.सा. का छत्तीसगढ़ के उवसग्गरहम तीर्थ के नूतन मंदिर की प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न करने के पश्चात् उग्र विहार के साथ गुरुवार को प्रातः श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर मंगलमय प्रवेश इन्दौर अहमदाबाद हाईवे स्थित तलहटी से 225 आराधकों व उनके माता-पिता अभिभावकों एवं जैन समाज के कई वरिष्ठ समाजसेवियों की उपस्थिति में हुआ । जय तलहटी से गाजे बाजे के साथ विशाल चैत्यपरिपाटी के रुप में मोहनखेड़ा तीर्थ में आगमन हुआ । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट की और से गहुंली और सामैया भी किया गया । तीर्थ में प्रवेश के पश्चात् मुनि भगवन्तों की निश्रा में सभी बाल आराधकों ने सामुहिक चैत्यवंदन एवं गुरु वंदन किया । इस अवसर पर ट्रस्ट की और से महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी बाबुलाल खिमेसरा, मांगीलाल पावेचा, मेघराज जैन, संजय सराफ, राजगढ़ श्रीसंघ अध्यक्ष मणीलाल खजांची, अरविंद जैन, सेवन्तीलाल मोदी, छोटेलाल मामा, बसन्तीलाल मेहता, राजेन्द्र खजांची, सुनील बाफना, नागदा श्रीसंघ से सुनिल कोठारी, सुरेन्द्र कांकरिया, विपीन वागरेचा, उज्जैन श्रीसंघ से संजय नाहर, पारा श्रीसंघ से प्रकाश तलेसरा, प्रकाश रांका, प्रकाश छाजेड़, पगारियाजी, टाण्डा से राजेन्द्र लोढा उपस्थित थे । तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन व महावीर जैन आदि ने सम्मान समारोह कार्यक्रम में अपना योगदान दिया । रतलाम, मन्दसौर, नीमच, बदनावर, बड़नगर, झाबुआ सहित 50 से अधिक श्रीसंघों की उपस्थित रही । पारा श्रीसंघ की ओर से मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा. आदि ठाणा को पारा पधारने की विनती की गई ।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के षष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न एवं अष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनभद्रविजयजी म.सा., साध्वी श्री किरणप्रभाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री तत्वलोचनाश्रीजी म.सा. व सुविशाल गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय जयन्तसेनसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य मुनिराज श्री प्रत्यक्षरत्नविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पवित्ररत्नविजयजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में मालावांचल से गये हुए नव्वाणु यात्रा के 225 बाल आराधकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया । गर्मी की छुट्टीयों में सम्पूर्ण मालवांचल के जैन समाज के बालक बालिकाओं ने शत्रुंजय गिरीराज व गिरनार गिरीराज की नव्वाणु यात्रा कठिन परिश्रम के साथ की उन सभी बालक बालिकाओं के शाही सम्मान में तिलक सायला निवासी सुरेशकुमारजी कबदी परिवार, श्रीफल श्री मेघराजजी जैन इन्दौर व माला से श्री मुकेशकुमारजी बाठिया ने किया । सम्मान समारोह व वधामणा उत्सव के लाभार्थी श्रीमती शकुन्तलादेवी भंवरलालजी सेठ परिवार मुम्बई भीनमाल थे । नव्वाणु यात्रा के दौरान 45 दिन में 156 यात्रा करने वाले शुभ पंकजजी बरबोटा का भी सम्मान किया गया । कार्यक्रम में संगीतमय संचालन ललीत जैन द्वारा किया गया ।
मुनिश्री ने नगपुरा छत्तीसगढ़ से पालीताणा चातुर्मास प्रवेश हेतु विहार प्रारम्भ किया था । विहार यात्रा के दौरान आज गुरुवार को मुनिभगवन्तों का श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर आगमन हुआ । आपश्री का शुक्रवार से पुनः विहार प्रारम्भ होगा । मुनिभगवन्त 30 जून को दो छःरिपालक यात्रा संघ एवं 2 नव्वाणु यात्रा के मुहूर्त श्री मणीलक्ष्मी जैन तीर्थ में लाभार्थी परिवारों को प्रदान करेगें । मुनिश्री का चातुर्मास हेतु मंगलमय प्रवेश 11 जुलाई को पालीताणा में होगा ।