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झाबुआ

भारत की युवा पीढ़ी को भटकाव की जगह देश की रक्षा के लिए करना होगा प्रेरित ‘-==विकास दवे 

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इंडोनेशिया में 20 हजार रू. की नोट पर गणेशजी का चित्र, यह हमारे भारत देश की तरक्की का प्रतीक है – विकास दवे
दो दिवसीय व्याख्यान माला हुई संपन्न

झाबुआ। स्व. दत्ताजी उन्नगावकर स्मृति न्यास की स्मृति में झाबुआ के पैलेस गार्डन पर आयोजित दो दिवसीय चन्द्रशेखर आजाद स्मृति व्याख्यान माला का 28 फरवरी, गुरूवार रात समापन हुआ। व्याख्यान माला में दूसरे दिन रात्रि 8 बजे से ‘‘पुनः विश्व गुरू बनता भारत’’ विषय पर देवपुत्र मासिक पत्रिका के संपादक विकास दवे द्वारा अपने ओजस्वी एवं प्रेरणदायी व्याख्यान दिए गए। उन्होंने व्याख्यान माला मे मुख्य रूप से कहा कि हमारा भारत पुनः विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है, बस देश की युवा पीढ़ी को भटकाव की ओर नहीं जाते हुए अपने देश हित में जुटना होगा। अब भारत देश का डंका विदेशों में भी बजाने लगा है, यह हमारी भारत देश की प्रगति और उन्नति का प्रतीक है।
दूसरे दिन व्याख्यान माला का शुभारंभ मुख्य वक्ता विकास दवे के साथ व्याख्यान माला आयोजन समिति के अध्यक्ष हरबसिंह डामोर द्वारा भारत माता एवं चन्द्रशेखर आजाद के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। ज्योर्ति वंदना महिमा राणावत ने प्रस्तुत की। पश्चात् अतिथियों का शाल ओढ़कार एवं श्रीफल भेंटकर सम्मान व्याख्यान माला समिति के उपाध्यक्ष उमंग सक्सेना एवं मोना गिधवानी ने किया। अतिथियों का परिचय मयंक रूनवाल ने दिया। व्यक्तिगत गीत की प्रस्तुति यशपाल ठाकुर ने दी।
युवा पीढ़ी को अपनी जिम्मेदारी समझना होगी
बाद अपने व्याख्यान माला में विकास दवे ने गत दिनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में 46 शहीद जवानों को नमन करते हुए शुरूआत की कि कौन कहता है कि आज भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर नहीं है। वर्ष 2014 से पुनः भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है। आज की युवा तरूणाई यदि चाहे तो इस सपने को साकार किया जा सकता है, बर्षत युवा पीढ़ी को भटकाव की ओर अग्रसर नहीं होते हुए अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। आज युवा जब नेट पर गुगल पर सर्च करता है तो उसे देश की स्थिति का पता चलता है कि देश भ्रष्टाचार, बेरोजगारी में नंबर वन पर है, लेकिन समय के साथ अब इसमें भी कमी आई है।

विकास दवे ने आगे कहा कि पूरे विश्व में भारत ही अखंडता और समप्रभुता का एक मात्र देश है। हमारे देष की तरक्की तब दिखाई पड़ती है जब इंडोनेषिया में 20 हजार रू. के नोट पर भगवान श्री गणेषजी का चित्र वहां की सरकार ने प्रकाषन करवाया। यदि इंडोनेषिया के नामों पर प्रकाश डाला जाए, तो हमे पता चलता है कि यह मुस्लिम देश होने के बाद भी यहां के लोगों के नामों में राम-कृष्ण समाहित है, यह हमारे भारत की प्रगति है, जबकि इसके विपरित हमारे देष में पहले लोग भगवान के नाम पर अपना नाम रखते है और आज यह नाम चिंकू, पींकी, बबलू जैसे हो गए है और यह नाम वाले बच्चें आगे चलकर अपने पिताजी के भगवान के रखे नामों का मजाक उड़ाते है।
अर्थव्यवस्था के मामले में भी मजबूत हो रहा भारत देश
श्री दवे ने बताया कि आज हमारा देश अर्थव्यवस्था के मामले में सबसे मजबूत देश बनकर उभर रहा है। रेल्वे के मामले में पूरे विश्व में मुंबई अव्वल है। यह भारत की प्रगति ही कहीं जा सकती है कि जब भारत देश का एक विंग कमांडर पाकिस्तान के कब्जे में आने के बाद आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान की असंबेली में यह घोषणा करना पड़ रही है कि वह विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को भारत वापस भेजने को तैयार है, यह हमारे शोर्य और पराक्रम ही है कि भारत जैसे देश में हमारी भारतीय वायु सेना ने पूरे विश्व में रेकार्ड बनाते हुए एक साथ सैकड़ों आंतकवादियों को खत्म करने का इतिहास बनाया। आज इस कारण पूरे विश्व में भारत का नाम गर्व से लिया जा रहा है एवं पाकिस्तान जैसे दोगले देष का पूरा विश्व अब विरोध करने लगा है।
भारत जैसी संस्कृति और सभ्यता पूरे विष्व में नहीं
श्री दवे ने आगे बताया कि भारत जैसी संस्कृति और सभ्यता भी आज पूरे विश्व में नहीं है। आज पूरे विश्व में भारत का ढंका गूंजता है, जिससे यह साफ तौर पर प्रतीत होता है कि भारत एक बार फिर विष्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने इस दौरान मीडिया का खिंचाई करते हुए कहा कि वह स्वयं भी मीडिया जगत से जुड़े होने के साथ भारत की मीडिया हमेषा देश की सकारात्मकता दिखाने की जगह नकरात्मकता अधिक दिखा रहीं है, लेकिन यह गर्व है कि आज आतंकवाद जैसे मुद्दे पर भारत का संपूर्ण मीडिया जगत एकजुट होकर भारत सरकार और भारत की सेना के पराक्रम को लगातार समाचारों के माध्यम से उनका साहस बढ़ाने का काम कर रहा है। श्री दवे द्वारा करीब एक घंटे तक व्याख्यान दिए गए।
वंदे मातरम् गान के साथ हुआ समापन
व्याख्यान माला के समापन पर मुख्य वक्ता विकास दवे का स्मृति चिन्ह के रूप में जिले की आदिवासी संस्कृति भेंटकर सम्मान आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष राकेष झरबड़े ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन व्याख्यान माला समिति के सरंक्षक ओम शर्मा ने किया एवं आभार अषोक भावसार ने माना। इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी, साहित्यकार एवं राजनैतिक पार्टियों से जुड़े लोग तथा मातृ शक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित थी। समापन पर गोपाल शर्मा द्वारा संगीतमय वंदे मातरम् का गायन किया गया।

फोटो – व्याख्यान माला में भारत की प्रगति का बखान करते विकास दवे।

फोटो -कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी एवं मातृ शक्ति।

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