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झाबुआ

जैपीएस स्कूल का आईपीएस स्कूल में मर्ज होने से बनी स्थिति ………जैन पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में

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झाबुआ – झाबुआ के एक निजी संस्था जैन पब्लिक स्कूल झाबुआ द्वारा अचानक ही अपने स्कूल को बंद कर देने की सूचना को लेकर आज शहर के कई अभिभावक सरकारी दफ्तरों की खाक छानते हुए पुलिस तक अपनी व्यथा को सुनाते हुए संबंधित स्कूल प्रबंधक पर कार्रवाई हेतु मांग की |जबकि नियम अनुसार 1 वर्ष पूर्व स्कूल प्रबंधक को बंद करने की सूचना देना चाहिए और इस बंद की स्थिति को जिला शिक्षा अधिकारी को भी अवगत कराना चाहिए | लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जैन पब्लिक स्कूल प्रबंधक ने स्कूल बंद करने की घोषणा कर दी | जिससे कई मां-बाप आज सड़कों पर उतरे और मांग ना मांगने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी | प्रश्न यह उठता है कि क्या बिना किसी सूचना के इस तरह किसी भी निजी स्कूल संस्था को बंद करने का अधिकार है क्या जिले में बैठे अधिकारी कर्मचारी को संबंधित स्कूल प्रबंधन पर नियमानुसार कार्रवाई करना चाहिए या नहीं ?

जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे संपूर्ण मामले की जांच
झाबुआ। जैन पब्लिक स्कूल झाबुआ को पिछले कुछ महीनों पूर्व इंदौर पब्लिक स्कूल झाबुआ द्वारा टेकओवर (मर्ज) कर लिया गया। इसके चलते जेपीएस के प्राचार्य ने 8 मार्च, शुक्रवार को दोपहर स्कूल के कई बच्चों को टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) थमाते हुए कहा कि आप अपना एडमिन इंदौर पब्लिक स्कूल में ले लो। प्राचार्य द्वारा ताबड़तोब की गई इस कार्रवाई से आक्रोशित होकर कई अभिभावक विद्यालय प्रबंधन की शिकायत करने पुलिस अधीक्षक विनीत जैन के पास पहुंचे और पुलिस अधीक्षक श्री जैन को इस मामले से अवगत करवारकर कार्रवाई की मांग की। बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा इस संबंध में अपर कलेक्टर के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी को इस घटनाक्रम में संपूर्ण जांच कर कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया है।
ज्ञातव्य है कि जैन पब्लिक स्कूल प्राचार्य एवं प्रबंधन पिछले लंबे समय में स्कूल का मेनजमेंट का ठीक तरीके से संचालन नहीं कर पा रहे था, लगातार यह स्कूल बच्चों को समस्त सुविधाएं एवं अच्छी व्यवस्थाएं देने में फिसड्डी साबित होता आया है। इसी के चलते यह जेपीएस स्कूल पिछले लंबे समय से जनचर्चाओं का विषय बनने के साथ यहां के प्राचार्य अभिलाष गोतम द्वारा बच्चों के अभिभावकों से दादागिरीपूर्ण रवैया अपनाना एवं अपनी तानााही और मनमानी के चलते पूर्व में इस स्कूल में अध्ययनरत कई बच्चां को उनके अभिभावकों द्वारा इसकी उच्च स्तर पर शिकायत करने के साथ स्कूल से बच्चों का एडमिन से नाम भी कटवा लिया गया है।
अभिभावकों के साथ दुव्यर्वहार एवं बच्चों को प्रताडि़त करने हो चुके है कई मामले
वहीं इसी जेपीएस स्कूल में पूर्व में शिक्षकिशिक्षिकाओं द्वारा बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने एवं पूर्व में स्कूल के बच्चों को एक शिक्षिका ने कड़ी सजा देते हुए करीब एक घंटे तक एक कक्षा के बच्चों को कान पकडकर मुर्गा बनाकर खड़ा किया था, जब पीडि़त बच्चों ने रोते हुए घर पहुंचकर अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी एवं पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया तो बाद कई परिजनों ने इसकी िकायत स्कूल प्रबंधन को की। बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा उक्त शिक्षिका को स्कूल से निकाल दिया गया। इस तरह के पूर्व में कई मामले में इस स्कूल में प्राचार्य अभिलाष गोतम एवं स्कूल स्टॉफ के सामने आए है, जिनमें बच्चों के अभिभावकों के साथ अभद्र व्यवहार, बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के चलते लगातार स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लोगों को आक्रो फूटा है।
प्राचार्य एवं प्रबंधन की लापरवाही से फिसड्डी साबित हुआ जेपीएस
इसी स्थिति के चलते पिछले कुछ महीनों पूर्व जैन पब्लिक स्कूल झाबुआ बच्चों को अच्छी सुविधा एवं अच्छी व्यवस्था देने के नाम पर फिसड्डी साबित हो जाने से आखिरकार इस स्कूल को इंदौर पब्लिक स्कूल झाबुआ में मर्ज कर लिया है। 8 मार्च, शुक्रवार को स्कूल प्रबंधन की इस स्कूल के बच्चों को इंदौर पब्लिक स्कूल में िफटिंग करने की कार्रवाई के चलते जेपीएस के प्राचार्य द्वारा कई बच्चों को स्कूल में प्रवेश करते ही उन्हेंं टीसी (टांर्सफर सर्टिफिकेट) थमा दिए। जिसमें कहा गया कि आप अपना प्रवेश इंदौर पब्लिक स्कूल में ले ले। जब यह टीसी लेकर बच्चे अभिभावकगणों के पास पहुंचे तो अभिभावकों का आक्रोश फूट पड़ा।. जेपीएस स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए |कई अभिभावकों ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत 1 वर्ष पूर्व सूचना देना चाहिए लेकिन प्रबंधक स्कूल प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की स्कूल बंद होने की कोई सूचना नहीं दी गई और और स्कूल प्रबंधन ने आर्थिक लालच के कारण बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने में कोई संकोच नहीं किया | आज महिला दिवस पर कई महिलाएं अपने बच्चों के भविष्य को लेकर सरकारी दफ्तरों की खाक छानती नजर आई |अपनी व्यथा काे एडीएम , एस पी , एसडीएम आदि अधिकारियों को अवगत कराया तथा स्कूल के डायरेक्टर अंकित वोहरा की इस कार्यप्रणाली को लेकर असंतोष भी जाहिर किया |महिला दिवस पर आज महिलाएं अपने बच्चों के भविष्य से चिंतित होकर आंखों से आंसुओं की धारा भी बह गई |तथा यह भी गंभीर आरोप लगाया कि सब कुछ पैसों के लिए स्कूल प्रबंध कर रहा है उन्होंने यह भी बताया कि जैसे ही अन्य स्कूलों को जेपीएस स्कूल के बंद होने की सूचना मिली कई स्कूलों ने अपनी फीस में 50% तक की वृद्धि कर दी | वही जब जिला शिक्षा अधिकारी को इस स्थिति से अवगत कराया तो उनका कहना था मुझे इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है आपने बताया तो मुझे मालूम पड़ा है अभिभावकों का यह भी कहना था कि स्कूल प्रबंधन द्वारा एक आवेदन पर साइन करवाया जा रहा था जिस पर लिखा हुआ था कि हम अपनी मर्जी से अपने बच्चे को इस स्कूल से निकाल रहे हैं इस तरह स्कूल प्रबंधन द्वारा धोखा देकर अभिभावकों से इस तरह के आवेदन पर साइन करवाया जा रहा था |इस तरह स्कूल के डायरेक्टर अंकित वोहरा व स्कूल प्रबंधन द्वारा 700 बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने में कोई संकोच नहीं किया गया | वहीं जिला शिक्षा अधिकारी से इस बारे में जब जानकारी चाही गई तो उन्होंने बड़ा ही टाल मटोल जवाब देकर इतिश्री कर ली गई जिस जिले का शिक्षा अधिकारी को निजी स्कूलों के बारे में भी जानकारी नहीं तो वहां होने वाली गतिविधियों और संचालन के बारे में क्या जानकारी होगी यह जांच का विषय है |
पहले पहुंचे पुलिस थाने बाद दिया पुलिस अधीक्षक को आवेदन
आक्रोशित बच्चों के अभिभावकगण जब जेपीएस स्कूलपहुंचे तो वहां उन्हें संतोषजवाब नहीं मिलने पर वह पुलिस थाना झाबुआ पहुंचे, जहां उन्होंने मौजूद एसडीएमओपी इडल मोर्य एवं थाना प्रभारी झाबुआ श्री रघुवां को आवेदन देते हुए स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने हेतु कहा, लेकिन उक्त पुलिस अधिकारियों द्वारा कहा गया कि आप इस संबंध में पुलिस अधीक्षक महोदय से चर्चा करे। बाद अभिभावकगणों में संजय व्यास, रितेश कोठारी भल्ला, महेश सोनी, दीपक डूंगरवाल, संदीप रांठी के साथ महिलाओं में रूचिता शाह, प्रीती पांचाल, रागिनी अग्रवाल, भावना सोलंकी के साथ कई बच्चों के माता-पिता द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक विनीत जैन को उक्त पूरे मामले से अवगत करवाया गया।
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री जैन ने कहा कि चूंकि यह मामला प्रथम दृष्टया जांच का है। इस संबंध में उन्हांने अपर कलेक्टर से चर्चा कर अपर कलेक्टर द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल जाकर जांच हेतु निर्देात किया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच के बाद यदि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ या किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो हमारे द्वारा इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावक करेंगे उग्र आंदोलन
इस दौरान बच्चों के अभिभावकों में संजय व्यास, दीपक डूंगरवाल, महिलाओं में श्रीमती रूचिता शाह, प्रीती पांचाल, रागिनी अग्रवाल आदि से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि स्कूल प्राचार्य अभिलाष गोतम एवं पूरे प्रबंधन द्वारा हमे इस स्कूल से निकालकर इंदौर पब्लिक स्कूल में भर्ती करवाने की कोई पूर्व सूचना हमे नहीं दी गई। आज ताबड़तोब बच्चों को टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) जारी कर कहा जा रहा है कि इंदौर पब्लिक स्कूल में प्रवे ले लो। यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यदि जिला प्रासन एवं पुलिस प्रासन द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई स्कूल प्राचार्य एवं प्रबंधन पर नहीं की जाती है तो हमारे द्वारा स्कूल के बाहर धरना-प्रर्दान करने के साथ ही इस संबंध मे ं9 मार्च को सभी पालकों की बैठक भी रखी गई है। जिसमें इस संबंध में विचार-विर्मा कर निर्णय लिया जाएगा।
कुल 702 बच्चें अध्ययनरत है जेपीएस में
वहीं इस संबंध में जैन पब्लिक स्कूल झाबुआ के प्राचार्य अभिलाष गोतम से प्रत्यक्ष चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्कूल में 702 बच्चें अध्ययनरत है। जिसमें से कुछ कक्षाओं के बच्चों को आज ट्रासफर सर्टिफिकेट प्रदान किए गए है। शेष बच्चों को आगामी दिनों में ट्रार्सफर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, चूंकि हमने वर्तमान में उन्हीं बच्चों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किए है, जिसका वार्षिक सत्र पूरा हो गया है। श्री गोतम के अनुसार केवल स्कूली बच्चों की िफटींग होगी। स्टॉफ यहीं रहेगा। इस संबंध में जेपीएस के स्कूल प्रबंधन समिति के प्रकाश रांका से चर्चा करने पर उनका कहना था कि वे फिलहाल बाहर हूॅ, आकर मैं पूरा मामला देखकर कुछ बता पाऊंगा।

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