झाबुआ-स्थानीय माधोपुरा मुक्तिधाम पर गुरूवार को बीएसएनएल की दीवंगत श्रीमती श्यामा सोनी की स्मृति में उनके गा्मीण बेंक से सेवा निवृत अधिकारी नटवरलाल सोनी द्वारा अपने परिवारजनो की उपस्थिति में शव को सुरक्षित रखने के लिये इलेक्ट्रानिक शीत मर्चरी का लोकार्पण किया गया ।इस अवसर पर मुक्तिधाम समिति के अध्यक्ष मनमोहन शाह, समाजसेवी यशवंत भंडारी, सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर, नटवरलाल शाह, अजय रामावत, सुशील सिसौदिया, सुभाष गिडवानी, देवकीनंदन अग्रवाल, कैलाश सकलेचा, कैलाश सोनी थांदला, दीपक सोनी थांदला, राजेन्द्र सोनी, मंगलचंद जाट, अशोक निगम, रवीन्द्र व्यास, मनोज जैन सहित बडी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे । इस अवसर पर नटवरलाल सोनी के इस जनहितैषी काम की सभी ने प्रसंशा की । ज्ञातव्य है कि शव के अंतिम संस्कार में किसी भी कारण से यदि देरी हो तो उसके देह की फजीहत हो जाती है। गर्मी में तो उसको लेकर बैठने वाले परिजन और समाजजन भी परेशान हो जाते हैं। अलग-अलग तरीकों से शव को खराब होने से रोका जाता है। अब इस सामाजिक समस्या का स्थाई हल झाबुआ में निकल गया है। माधोपुरा मुक्तिधाम को भोपाल से शव पेटी यानि मर्चरी मंगवाकर एक दानदाता नटवरलाल सोनी द्वारा दी गई है। अब यह कोई भी जरूरतमंद अपने घर ले जा सकेगा। इसमें कई घंटों तक शव को रखने पर भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
भोपाल से बुलवाई गई यह मशीन दो भागों में है। पहले यानि ऊपर के भाग में कांच का एक शेाकेस रहेगा। इसमें शव को रखा जाएगा। मशीन के दूसरे हिस्से में फ्रीजर दिया हुआ है। इस फ्रीजर से इतनी ठंडक शव को मिलेगी कि न तो बदबू आएगी और न ही शव खराब होगा। मशीन में पहिये लगे हुए हैं। किसी भी कारण से अंतिम संस्कार के लिए कुछ घंटे इंतजार करना है तो यह मशीन राहत प्रदान करेगी। माधोपुरा मुक्तिधाम से इस मशीन को कोई भी जरूरतमंद मंगवा सकेगा। लोडिंग रिक्शा से निःशुल्क घर तक मशीन लाने वाला दान दाता भी आगे आ गया है। फ्रीज की तरह यह मशीन बिजली से चलेगी। यदि बिजली गुल है तो जनरेटर व इनवेटर से भी इसको जोड़ा जा सकता है।
भोपाल के गुरुद्वारा में देखी
दानदाता नटवरलाल सोनी ने बताया कि जब वे उज्जेन गये थे वहां पर पहली बार उन्होने इस मशीन को देखा था । दो वर्ष पूर्व बीएसएनएल मे कार्यरत उनकी पत्नी श्रीमती श्यामा सोनी का 57 वर्ष की आय्रु मे निधन हो गया था । उनका पुत्र राहूल कतर मे परिवार सहित रह रहा था । अप्रेल की गर्मी में शव को उनके आने तक रखना था उसे पहूंुचने मे 24 घंटे का समय लगा । श्यामा सोनी का निधन 18 अप्रेल को प्रातः 8 बजे हुआ और अंतिम संस्कार 19 अप्रेल को बेटे के आने तक 25 घंटे बाद हो पाया । इतनी देर तक शव को पहूंचाने का उन्हे बडा मलाल रहा । पिछले दिनों उज्जैन एक सहकर्मी के निधन पर उनके अंतिम संस्कार के लिये उज्र्जन में शामील होने गये तो उन्हाने इलेक्ट्रीक मर्चरी फ्रीजर देखा और उन्होने तभी तय कर लिया था कि झाबुआ के लोगों के लिये ऐसा ही एक मरच्यूरी देगें और पत्नी की दुसरी बरसी पर गुरूवार को इसे लोकार्पित किया है । अब नगरवासियों के लिये अपने परिजनो ं के शव को सुरक्षित रखने की एक बडी सौगात मिल गई है । इसे मानव सेवा के क्षेत्र में एक बडी उपलब्धि बताया जारहा है ।