माध्यमिक शिक्षा मण्डल के अध्यक्ष श्री आर एस जुलानिया द्वारा 20अगस्त को वी सी मे दिये गये निर्देश को पालन करने मे आरही शिक्षक ,छात्र व संस्था प्राचार्य को आने वाली समस्याओं को अवगत कराया व आवश्यक सुझाव भी प्रस्तुत किये जिससे शैक्षिक व्यवस्था सुचारु रुप से संचालित हो सके ।
म प्र शिक्षक संघ ने क्रमशः बिन्दुओं के आधार पर समस्याओं व सुझावो को अवगत कराया।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा नवीन शिक्षण व्यवस्था को लेकर ऑनलाइन शिक्षण, मूल्यांकन, रजिस्ट्रेशन एवं बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरने को लेकर वी.सी. में निर्देश प्राप्त हुए हैं, उनको समझकर म.प्र. के समस्त हाईस्कूल/ हायर सेकण्डरी विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा ऐसा महसूस किया जा रहा है कि यह योजना वातानुकूलित कक्ष में बैठकर बनाई गई है जो केवल ऐसे सभी विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त है जिनके पास व्यक्तिगत एंड्राइड फोन, डाटा(बैलेंस) एवं निर्बाध नेटवर्क की पूर्णतः उपलब्धता है ।
म.प्र. के शासकीय विद्यालयों में 70% गरीब वर्ग के ऐसे विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनके पास उक्त प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है ।
म.प्र. की भौगोलिक स्थिति, विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति, शासकीय विद्यालयों में उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रकचर एवं शिक्षकीय अमले की उपलब्धता की परिस्थिति पर विचार कर यदि धरातल पर कार्य करने वाले शिक्षकों के सुझाव लेकर योजना बनाई जाये तो निश्चित ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकेंगे ।
मा शि मण्डल के अध्यक्ष द्वारा दी गई शिक्षण व्यवस्था में अनेका नेक समस्याए उत्पन्न हो रही है, जिनके लिए संघटन की ओर से सुझाव प्रस्तावित है ।
म.प्र. के शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 60-70% विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में तथा शेष शहरी क्षेत्र में निवास करते है, जिनमें से अधिकांश विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से उनके पास एंड्राइड फोन उपलब्ध नहीं है, तथा यदि फोन की उपलब्धता है भी तो डाटा (4 घंटे चलनेवाला) एवं निर्बाध नेटवर्क की उपलब्धता नही है । ग्रामीण क्षेत्रों (विशेषकर मजरे, टोले, फलियों में निवास करने वाले वनवासी विद्यार्थियों के लिए ) में तो निर्बाध नेटवर्क ही नहीं है ।
इसके लिए सुझाव है कि ऐसी योजना को लागू करने से पूर्व सभी विद्यार्थियों को शासन की ओर से निःशुल्क एंड्राइड फोन, डाटा तथा निर्बाध नेटवर्क उपलब्ध कराया जावे ।
मध्यप्रदेश में लगभग एक लाख विषयवार अतिथि शिक्षकों की रिक्तता की पूर्ति नहीं होने से इन अतिथियों के विषयों की मूल्यांकन व्यवस्था कैसे संपन्न होगी ?
अतः सुझाव है कि सर्वप्रथम अतिथियों की नियुक्ति हो ।
सभी छात्रों के पास मोबाइल उपलब्ध नहीं होने से मण्डल के माशिम एप्प पर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता कैसे संभव हो सकेगी ? साथ ही छात्रों द्वारा रजिस्ट्रेशन के बाद स्वयं ही अपना नामांकन फॉर्म/परीक्षा फॉर्म भरना है, जिसे सभी छात्र त्रुटि रहित भर सकेंगे, संभव नहीं है ।
नवीन आन्तरिक मूल्यांकन प्रक्रिया में प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अलग-अलग प्रश्नपत्र, ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से भेजने होंगे, जो संभव नहीं है ।
अतः पूर्व की भांति नामांकन/परीक्षा फॉर्म एम.पी.ऑनलाइन के माध्यम से ही भरवाना उचित रहेगा ।
मण्डल के द्वारा ऑनलाइन भेजे गए प्रश्नपत्र को डाउनलोड करना तथा उसे हल करना प्रत्येक विद्यार्थी के द्वारा अनिवार्य होगा, यदि वह हल नही करेगा तो एक अवसर एवं सूचना देकर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जावेगा । मोबाइल, डाटा व निर्बाध नेटवर्क की अनुपलब्धता के कारण यह सम्भव नहीं है, जिससे विद्यार्थी आगे अध्यापन नही कर सकेगा ।
9वी एवं 11वी में हिन्दी तथा अंग्रेजी की पुस्तकें कोर्स बदलने के कारण उपलब्ध नही है तो छात्र पढाई कैसे कर सकेंगे ?
प्रदेश के 90% विद्यालयों में कृषि विषय की पुस्तकें तथा व्याख्याता भी उपलब्ध नहीं है । अतः पढाई कैसे सम्भव है ?
आन्तरिक मूल्यांकन का कुल अधिभार 70% जबकि वार्षिक परीक्षा का अधिभार 30% प्रस्तावित है, जिससे छात्रों का सही मूल्यांकन होना संभव प्रतीत नहीं होता है, क्योकि आंतरिक मूल्यांकन 70% एक औपचारिक मूल्यांकन भर रह जायेगा, जिसमे विद्यार्थियों के साथ न्याय नहीं हो सकेगा ।
संघटन का सुझाव है कि प्रतिदिन एक तिहाई विद्यार्थियों को शाला में अध्ययन हेतु बुलाया जावे, जिससे प्रत्येक विद्यार्थी को सप्ताह में दो दिन शिक्षकों के प्रत्यक्ष अध्यापन का लाभ मिल सके ।
समस्याओं क दृष्टिगत रखते हुए संगठन द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करके सकारात्मक हल निकालने का ज्ञापन म प्र शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष लछीराम इंगले,प्रांतीय महामंत्री छत्रवीरसिह राठोर ने दिया।
उक्त ज्ञापन का निराकरण अतीशीघ्र करने का निवेदन म प्र शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कोठारी, कालुसिह परमार,मोहन राठोर, राजेन्द्र पंचाल,विजय जैन ,मानसिह बामनिया, मुकेश नीमा ,हेमन्त शुक्ला,संजय धानक,मंगलसिह पणदा,उदयवीरसिह परिहार,गुलसिह भुरीया व जिले समस्त शिक्षको ने किया है।