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झाबुआ

जिले में ओवरलोडिंग बदस्तूर जारी……… परिवहन विभाग बना लापरवाह

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झाबुआ – झाबुआ जिले में विभिन्न क्षेत्रों में जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक व तहसील स्तर के साथ-साथ गांव गांव,.फलिये फलिये तक क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर परिवहन किया जा रहा है । जबकि नियम अनुसार क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाने पर कार्रवाई की जा सकती है । लेकिन परिवहन विभाग की लचीली कार्यप्रणाली के कारण जिले में बसों के साथ-साथ लोडिंग वाहनों में भी सवारियों को भेड़ बकरी की तरह भरकर परिवहन किया जा रहा है और यात्रियों की जान खतरे में डाली जा रही है लेकिन संबंधित परिवहन विभाग इन सब बातों को नजरअंदाज करके सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस तक ही सीमित दिख रहा है या फिर जान कर भी अंजान बन रहा है।

रोजगार की तलाश में झाबुआ जिले के विभिन्न गांवों से व फलियों से लोग काम की तलाश में गुजरात की ओर पलायन कर रहे हैं यह पलायन आमतौर पर स्लीपर कोच बसों के साथ-साथ कई बार अन्य लोडिंग वाहनों में भी होता है । झाबुआ जिले में स्लीपर कोच बसों में सरेआम क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर नियम कायदों को ताक में रखकर बसों का संचालन परिवहन विभाग के संरक्षण में हो रहा है। जिससे यात्रियों की जान खतरे में है । जिले में लोडिंग वाहनों में भी सवारियों को बैठाकर एक गांव से दूसरे गांव के अलावा गुजरात की और भी यात्रियों को ले जाया जा रहा. हैं और इन वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है । इन वाहनों में कई बार तो यात्री वाहन के चारों तरफ लटके हुए नजर आएंगे , जो विभाग की उदासीनता को दर्शाता है । हाल ही में झाबुआ जिले के पेटलावद से अन्य गंतव्य की ओर जाने वाले वाहनों में यात्रियों को ठूंस ठूस कर भरा गया और वाहनों के चारों तरफ यात्री लटके हुए भी नजर आए । इसके अलावा लोडिंग वाहनों मे भी सवारियों को बैठाकर यात्रा नहीं की जा सकती है लेकिन यह सब कुछ संभव है झाबुआ परिवहन विभाग के संरक्षण मे….। क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर यात्रियों की जान बचाने का प्रयास करेगा या फिर यह सब स्लीपर बस संचालक , लोडिंग वाहन संचालक यात्रियों की जान से खुलेआम खिलवाड़ करते रहेंगे और किसी दुर्घटना के घटित होने का इंतजार करते रहेंगे…..?

आने वाली खबर में आप पड़ीये है कि किस तरह आरटीओ विभाग द्वारा एक गुंडा तत्व व दलाल को बचाने का प्रयास किया गया और किस तरह जांच रिपोर्ट मैं भी असामाजिक तत्व को संरक्षण दिया गया

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