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440 दिन में एक लाख 7 हजार 950 घरों में नल कनेक्षन के माध्यम से पहुॅंचाया पानीकलेक्टर श्री सिंह की अध्यक्षता में जिला जल स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक सम्पन्न

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धार 06 सितम्बर 2021/  सभी शिक्षक व संबंधित अधिकारी अपनी स्कूल परिसर में चल रहे कार्यों को देखे तथा उनकी क्वालिटी के बारे में संबंधित से चर्चा कर मौके पर सही कराएं व इन कार्यो की आवश्यक जानकारियां स्वयं के पास भी रखे। उक्त निर्देश कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला जल स्वच्छता मिषन की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आशिष वशिष्ठ साथ मौजुद थे।
बैठक में बताया गया कि 440 दिन में 107950 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पानी पहुंचाया गया। साथ ही जून 2020 से जल जीवन मिशन का कार्य प्रारंभ हुआ है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जून 2020 से अगस्त 2021 तक 107950 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया गया। जल जीवन मिशन की गाईड लाईन अनुसार जिला प्रयोग शाला को एप. ए. बी. एल से मान्यता प्राप्त की गई। जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत अभी तक 774 ग्रामों के लिए 818 एकल ग्राम नलजल योजनाओं का जिला जल स्वच्छता समिति से अनमोदन किया गया, जिसमें 628 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति 613.78 करोड़ रूपए की प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त 137 ग्रामों की 3 समुह नलजल योजना लागत 245.72 करोड़ रूपए की स्वीकृत हुई, जिनका क्रियान्वयन जल निगम पीआईयू इन्दौर द्वारा किया जा रहा है। जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत 3559 शालाओं एवं 2388 आगनवाड़ी में पेयजल व्यवस्था हेतु 163.69 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई जिसमें अभी तक 1993 शालाओं एवं 1460 आंगनवाडियों में प्याउ का निर्माण का कार्य प्रगतिरत है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों, आश्रम, शालाओं एवं विद्यालयों में पाइप से जलापूर्ति हेतु 100 दिवसीय कैम्पेन
बैठक में बताया गया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 2782 प्राथमिक शाला, 792 माध्यमीक शालाएं, 102 हाईस्कूल, 156 हायर सेक्डरी विद्यालय है, जिनमे 3 लाख 21 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है एवं 2546  आंगनवाडियों में एक लाख एक हजार 748 बच्चे आते है। आंगनबाड़ी केन्द्रों, आश्रम शालाओं एवं विद्यालयों में पाइप से जलापूर्ति हेतु 100 दिवसीय कैम्पेन अन्तर्गत पेयजल व्यवस्था हेतु पूर्व से स्थापित नलकूप में सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर 500 से 1000 लीटर क्षमता का (प्लास्टिक) टंकी को स्टोरेज छत स्थापित कर टंकी से पाईप के माध्यम से प्याउ, किचन शेड, शौचालय एवं हैण्ड वॉंश यूनिट में पानी पहुंचाया जाता है। प्याउ का निर्माण बच्चों की उम्र एवं बच्चों की संख्या के आधार पर नल कनेक्शन किये जाते है। प्याउ एवं हाथ धोने के स्थान से निकलने वाले गंदे पानी को पाईप के माध्यम से स्कूल/आंगनवाड़ी में पूर्व से निर्मित बगीचे में/सौख्ता गड्ढों में छोड़ा जाना प्रस्तावित है।
धार जिले में शुद्ध पेयजल प्रदाय हेतु नलकूपों के पास सिल्वर आयोनाइजेसन यूनिट लगाया जाना प्रस्तावित हैं एवं जिन शाला/आंगनवाडियों के नलकूप में फ्लोराइड स्वीकृत मात्रा से अधिक है। वहां फ्लोराइड रिमुबल यूनिट भी लगाई जाना प्रस्तावित है। जिले में आवष्यकता अनुसार 3559 शालाओं एवं 2388 आंगनवाडियों की कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला जल स्वच्छता मिशन के अनुमोदन उपरान्त प्रशासकीय स्वीकृती रु.163. 69 करोड़ की प्राप्त कर सभी की निविदा स्वीकृत की जा कर कार्य प्रगतिरत है वर्तमान में अभी तक 1989 शालाओं एवं 1123 आंगनवाड़ियों में पेयजल व्यवस्था की जा चुकी है शेष शाला/आंगनवाडियो में 2 अक्टुबर 2021 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु अनुबंध में उल्लेखित निर्धारित मेक/ब्राड की सामग्री प्राप्त की जा रही है एवं सहायक यंत्री/उपयंत्रियों द्वारा समय-समय पर प्रगतिरत कार्यों का निरिक्षण किया जाता है एवं प्रगतिरत कार्यों का तृतीय पक्ष निरीक्षण (टी.पी.आई) के उपरान्त ही भुगतान किया जाता है। कार्यान्वयन सहायता (आई.एस.ए) द्वारा एजेंसी आंगनवाडी कार्यकर्ता/सहायिका/अध्यापक/शाला प्रबंधन समिति/अभिभावक शिक्षक समिति एवं बच्चों को पेयजल एवं शाला/ आंगनवाडियों में पाईप के माध्यम से जलापूर्ति व्यवस्था के क्रियान्वयन संचालन संधारण एवं निर्धारित वाटर क्वालिटी पेरामीटरस् की एफ.टी. के माध्यम से जॉच हेतु जागरूक क्षमता वृद्धि एवं सेंस्टाईस् किया जा रहा है। अन्य की संस्थाओं में पाईप के माध्यम से जला पूर्ति व्यवस्था भी की जा रही है, जिसमें 253 ग्राम पंचायत भावनों 147 स्वास्थ केन्द्र, 51 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 94 आश्रम शाला, 105 सामुदायिक स्वच्छता परिसर एवं 55 अन्य शासकीय भावनो में पेयजल व्यवस्था की जा चुकी है। साथ ही अन्य विभागों के अभिशरण के अंतर्गत जिला पंचायत द्वारा मनरेगा के अंतर्गत शालाओं/आंगनवाड़ियों में ’केच द रेन’ कार्यक्रम के अंतर्गत भूजल संवर्धन हेतु 832 रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य किए जा रहे है।

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