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झाबुआ

आओ पता लगाएं:- पिटोल बैरियर पर लाला या लच्छू द्वारा अवैध वाहनों से इंट्री के नाम पर अवैध उगाही कर छोड़ा जा रहा है…कयों….?

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झाबुआ – मध्यप्रदेश के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पिटोल मे पिटोल बैरियर पर दलाल आने वाले वाहन चालकों से अवैध वाहनों से मनमानी अवैध वसूली , इंट्री के नाम पर ली जा रही है । दलाल लाला या लच्छू द्वारा बिना परमिट के वाहनों को निकाला जा रहा है और अपनी जेबें गर्म की जा रही है। कहीं यह अवैध वसूली इन अवैध वाहनों से किसी अवैध व्यापार की ओर इशारा तो नहीं कर रही और पुलिस जान कर भी अंजान बन रही….?

यदि हम बात करें दलाल लाला या लच्छू के बारे में तो यह दलाल प्रदेश के बाहर का रहने वाला है अन्य राज्यों से आने वाली विभिन्न बसे जो पिटोल बैरियर से होकर गुजरती है और जिनके पास परमिट नहीं है या फिर दस्तावेज उपलब्ध नहीं है उन वाहनों को इस पिटोल बैरियर से गुजरने के लिए दलाल लाला या लच्छू द्वारा एंट्री के नाम पर अवैध वसूली की जाती है यह इस तरह की बसों का यहां से निकलना और एंट्री देकर निकलना तक ही सीमित है । तो ठीक है अन्यथा यदि हम हमारी सोच को थोड़ा सा टेढ़ी नजर से देखें तो बिना परमिट और बिना दस्तावेज की बसे , अन्य राज्यों की बात ना करें लेकिन इस पिट़ोल बैरियर से बिना किसी चेकिंग के गुजर रही है साथ ही यदि इन बसों में कोई अवैध व्यापार या सामान मध्यप्रदेश में आ रहा है जैसे कि नशीले पदार्थ :- ड्रग्स ,अफीम, गांजा आदि अनेक इन बसों के माध्यम से जिले में आ रहे हैं त़ो यह बहुत बड़ा एक तस्करी का मामला हो सकता है ऐसी प्रबल संभावना है। इस तरह के अवैध धंधों के लिए इस तरह की अवैध बसें का ही उपयोग किया जाता है जिन्हें बैरियर से गुजरने के लिए एक निश्चित राशि इंट्री के नाम पर लेकर छोड़ा जाता है क्योंकि इस तरह के अवैध कामों के लिए ट्रेन रूट इसलिए सही नहीं है क्योंकि कई बार स्टेशन पर और ट्रेनों में पुलिस द्वारा चेकिंग की जाती है लेकिन इन बसों में कहीं भी चेकिंग नहीं होती है और न तो माल देने वाले का कोई रिकॉर्ड होता है ना ही कोई आधार कार्ड लिया जाता है और ना ही माल लेने वाले का ,मात्र बक्सा देने वाले से ड्राइवर , कंडक्टर द्वारा राशि लेकर संबंधित व्यक्ति तक वह बक्सा पहुंचा दिया जाता है । यदि यह मान लिया जाए यह नशीले पदार्थ पिटोल बैरियर से होकर जिले में प्रवेश कर रहे हैं । तो सर्वप्रथम किसी दलाल द्वारा ही बसों से संग्रहित किया जाता होगा या फिर लाला या लच्छू द्वारा ही इसे बस से कलेक्ट किया जाता होगा । फिर इन नशीले पदार्थों को पिटोल के अन्य ग्रामों में व अन्य दलालों के माध्यम से संपूर्ण जिले मे सप्लाई किया जाता होगा । यदि हम लाला या लच्छू की बात करें तो दिन में भी पिटोल बैरियर पर काम करने के बाद झाबुआ के बाजारों में लाला या लच्छू को बस सटैंड क्षेत्र ,मेघनगर नाका , राजगढ़ नाका आदि क्षेत्रों में देखा गया है। कहीं ये नशीले पदार्थ लाला या लच्छू दारा या फिर इनके गुर्गे द्वारा ही झाबुआ के बाजारों में सप्लाई किए जा रहे है या नहीं ….यह जांच का विषय है । चूकि एक छोटी सी नोकरी के लिए भिंड मुरैना छोड़कर यहां आना और एक छोटी सी नौकरी पर जीवन बसर करना ….कुछ समझ से परे हैं …..लेकिन फिर भी जिले के नवयुवकों को नशीले पदार्थों के चंगुल से अगर बचाना है तो हमें इस तरह के सभी दलालों पर टेढ़ी नजर रखना होगी तथा समय-समय पर कार्रवाई भी करना होगी…. तब कहीं जाकर यह जिला नशीले पदार्थों के सप्लाई और उपयोग व सेवन से मुक्त हो सकेगा अन्यथा इस तरह के दलाल नई पीढ़ी को नशे के चुंगल में फंसा कर अपनी जेब भरते रहेंगे और आलीशान बंगलों में जीवन बसर करते रहेंगे ….। वहीं पुलिस सिर्फ जांच तक ही सीमित रहेगी…..।

आने वाली खबरों में हम आपको बताएंगे कि किस तरह इन अवैध बसों के माध्यम से अवैध रूप से अन्य सामान, महिला तस्करी या फिर अन्य अपराधी आसानी से एक प्रदेश से दूसरी प्रदेश तक पहुंच जाते हैं मात्र एंट्री देकर….. किस तरह दलाल मात्र कुछ वर्षों में रोडपति से करोड़पति बन गए….।

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