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झाबुआ

मकर संक्रांति उत्साह से भरने वाला वैदिक उत्सव है ’’- श्रीमती सूरज डामोर

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महिला पतंजलि योग समिति ने वनवासी आश्रम के बच्चों के बीच मनाया संक्रांति पर्व,


हल्दी कुंमकुम का किया गया आयोजन ।


झाबुआ । तमसो मा ज्योतिर्गमय अंधकार में से प्रकाश की ओर प्रयाण करने की वैदिक ऋषियों की प्रार्थना इस दिन के संकल्पित प्रयत्नों की परंपरा से साकार होना संभव है। कर्मयोगी सूर्य अपने क्षणिक प्रमाद को झटककर अंधकार पर आक्रमण करने का इस दिन दृढ़ संकल्प करता है। इसी दिन से अंधकार धीरे-धीरे घटता जाता है। मकर संक्रांति के दिन से हमें कोई भी एक संकल्प पूरे साल के लिए अपनाकर उसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। मकर संक्रांति उत्साह से भरने वाला वैदिक उत्सव है। प्रकृति के कारक के तौर पर इस पर्व में सूर्य देव को पूजा जाता है, जिन्हें शास्त्रों में भौतिक एवं अभौतिक तत्वों की आत्मा कहा गया है। हम परम सत्ता एवं प्रकृति रूपी शक्ति से प्रार्थना अथवा कामना करते हैं , कि मेरा मन शान्तिमय विचारों वाला होवे । यह सब हमारे सकंल्पशक्ति से ही सम्भव है। उक्त सारगर्भित उद्बोधन स्थानीय वनवासी आश्रम झाबुआ में महिला पंतंजलि योग समिति द्वारा वनवासी बच्चों को कम्बल वितरण एवं उन्हे स्वल्पाहार कराने तथा इन बच्चों के बीच मकर संक्रांति पर्व मनाने के अवसर पर पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीमती सूरज डामोर ने उपस्थित बच्चों एवं महिला योग समिति की महिलाओं को संबोधित करते हुए कही ।
महिला पतंजलि योग समिति द्वारा मकर संक्रांति के अवसर पर वनवासी आश्रम में वहां अध्ययन कर रहे निवासरत वनवासी बालकों के साथ मनाया गया । समिति की सदस्याओं ने बच्चों के साथ स्वल्पाहार भी किया तथा महिला योग समिति की श्रीमती सूरज डामोर द्वारा बालकों को गरम कंबल भेंट किए गए । इस अवसर पर रूकमणी वर्मा ने मकर संक्रांति का पर्व क्यों मनाया जाता है, के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी ।
श्रीमती किरण शर्मा ने कहा कि तन-मन एवं अन्तर्मन के लिए शक्तिदाता है- मकर संक्रांति का महापर्व। उन्होने कहा कि सूर्य एक राशि में एक माह रहते हैं । सूर्य प्रत्येक माह और राशि बदलते हैं। सूर्य का एक राशि से दूसरे राशि में जाना संक्रमणकाल या संक्रांति कहलाती है। मकर संक्रांति का महत्व इसलिए ज्यादा है कि इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में आते हैं और यही से उत्तरायण आरम्भ हो जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं द्वारा परस्पर हल्दी कुंकु लगा कर एक दूसरों को शुभकामनाएं दी गई । इस अवसर पर सूरज डामोर, रुकमणी वर्मा, किरण शर्मा, माया पवार ,कृति छाजेड, रजनी पाटीदार,, राधा पटेल पूनम सिन्हा, लीला पटेल, मोना, गीता वाणी ,किरण पाटीदार ,शोभा वमार्, अर्चना सिसोदिया, मधु व्यास, प्रभावी पाटीदार एवं आश्रम संचालक गणेश भाई, महेश भाई ,एवं मुजाल्दे भाभी तथा आश्रम के बच्चे शामिल हुए।

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