झाबुआ से आफताब कुऱैशी व पीयूष गादीया…. झाबुआ – परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली से तो ऐसा लगता है कि मानो इस विभाग में दलाल के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हो सकता |परिवहन अधिकारी भी अपने खास दलाल के बिना कोई भी कार्य नहीं करते या यूं कहे साहब का खास दलाल यदि विभाग में नहीं आता है तो उस दिन मानो विभाग में छुट्टी रहती है और तो और हर कार्य जैसे लाइसेंस बनाना, नाम ट्रांसफर , रजिस्ट्रेशन आदि परिवहन से संबंधित अनेक कार्यों के लिए दलाल द्वारा शासकीय शुल्क से दो से तीन देना राशि वसूल कर जिले की जनता को लूटा जा रहा है और जो व्यक्ति उक्त राशि नहीं देता है उनके कार्य आज तक नहीं हो पाए हैं |
हम बात कर रहे हैं पर परिवहन विभाग में जय वीरू की जोड़ी की …..जहां दोनों में से एक भी यदि विभाग में उपस्थित नहीं होता है तो मानो विभाग थम सा जाता है इस जय वीरू की जोड़ी की बात करें तो हम यहां इस परिवहन विभाग में जय अर्थात राजू दलाल और वीरू अर्थात परिवहन अधिकारी |इस विभाग में इस दलाल ने लूट के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, नाम ट्रांसफर आदि अनेक कार्यों के लिए शासकीय शुल्क से दो से तीन गुना राशि वसूल की जा रही है जो यहां जय वीरू में आपस में बराबर बढ़ जाती है | विगत माह में ही कालीदेवी के एक व्यापारी ने अपनी कार झकनवादा के व्यापारी को बेची| जिसमें क करने वाले व्यापारी नाम ट्रांसफर हेतु गुरु कृपा इंटरप्राइजेज के मालिक राजेंद्र राठौड़ उर्फ राजू दलाल को सारे कागजी खानापूर्ति होने के बाद शासकीय शुल्क व टैक्स सहित 4200 क्रेता को देना दे लेकिन इस एजेंट द्वारा क्रेता से करीब ₹8200 की मांग की क्रेता द्वारा इतनी राशि देने में असमर्थता जाहिर करने पर एजेंट द्वारा उक्त गाड़ी का नाम ट्रांसफर ही नहीं किया गया जब क्रेता और विक्रेता में नाम ट्रांसफर की बात को लेकर विवाद हुआ आखिरकार क्रेता ने उक्त गाड़ी के नाम ट्रांसफर के लिए ₹8200 देना पड़े तब कहीं जाकर नाम ट्रांसफर हुआ एक छोटे से उदाहरण के द्वारा हम ने बताया कि किस तरह इस विभाग में शासकीय शुल्क से दुगना राशि लेकर आम जनों को लूटा जा रहा है नाम न बताने की शर्त पर जिला मुख्यालय पर रहने वाले रहवासी ने बताया कि चार अलग-अलग व्यक्ति ने तूफान गाड़ियां कराए कि जो कि फाइनेंस पर ली गई थी नियम अनुसार यदि क्रेता द्वारा समय पर किस्त जमा नहीं की जाती है और वह यदि डिफाल्टर होता है तो गाड़ी स्वतः ही कंपनी के नाम पर दर्ज हो जाती है क्योंकि यह गाड़ियां कंपनी के नाम दर्ज हो रही और विभाग के आला अधिकारी को इस केस में कुछ भी आर्थिक लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है इसलिए यह कार्य नहीं हो रहा है जब फाइनेंस कंपनी के अधिकारी ने इसी क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति से संपर्क किया तो वह व्यक्ति गुरु कृपा इंटरप्राइजेज के मालिक राजू दलाल के पास गए और गाड़ियों को कंपनी के नाम पर दर्ज करने के लिए सारे काजी खाना पूर्ति हेतु दस्तावेज दिखाए तो एजेंट ने सारे दस्तावेज के साथ प्रति गाड़ी ₹15000 की मांग की |इस तरह करीब 4 गाड़ियों से ₹60000 मागे गए ,जबकि सारे दस्तावेज भी उपलब्ध है इस तरह इस जय वीरू की जोड़ी ने लूट के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए आम जनों से मनचाही राशि वसूली जा रही है
चर्चा चौराहों पर जब इस तरह की लूट और अवैध वसूली की बात चौराहों पर चली तो सर्वप्रथम इस एजेंट और परिवहन अधिकारी की बात आई | चौराहों पर चर्चा के दौरान एक मनचले ने यहां तक कहा कि इस जय वीरु की जोड़ी ने भ्रष्टाचार और लूट के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और यदि शासन इस तरह के भ्रष्टाचार और लूट के लिए कोई मेडल या पदक देता है तो सर्वप्रथम में इस जय वीरू की जोड़ी का नाम प्रथम पायदान पर रखूगा |. वहीं दूसरे मनचले ने एक तो यहां तक कह दिया कि जितने सितारे इस दलाल के आलीशान बंगले में हैं उतने सितारे तो पुराने और नए सांसद के नवनिर्मित बंगले में भी नहीं होंगे | और जो सितारे इसने अपने बंगले में लगाएं वह इस जिले की जनता से लूटकर अपने बंगले में सजाएं हैं|