सीएमओ द्वारा बिना अनुमति भवन निर्माण करने पर नगरपालिका अधिनियम की 1961 की धारा 187 के तहत कार्रवाई हेतु सूचना पत्र जारी………
नगरपालिका कर्मचारियों द्वारा अपने अधिकारी के आदेशों की और ध्यान नहीं………………… सब इंजीनियर सुरेश गणावा कार्रवाई करने के बजाय कर रहा मनमानी……
झाबुआ से राधेश्याम पटेल व पीयूष गादीया की रिपोर्ट
झाबुआ- किसी भी भवन निर्माण कार्य के लिए नियमानुसार प्रशासनिक स्वीकृति आवश्यक होती है लेकिन झाबुआ के वार्ड क्रमांक 18 में व्यक्ति विशेष द्वारा बिना निर्माण स्वीकृति के कार्य किया जा रहा है और शिकायत होने के बाद भी नगर पालिका द्वारा धारा 187 के तहत कार्रवाई हेतु सूचना पत्र भी जारी किया और पंचनामा बनाने के बाद भी व्यक्ति द्वारा निर्माण को नहीं रोका गया | यदि मकान मालिक नियमों की अनदेखी करता है तो नगरपालिका द्वारा शासकीय नियम अनुसार दंडात्मक कारवाई की जाना चाहिए |लेकिन नगरपालिका में शिकायत के बाद , नपा सब इंजीनियर सुरेश गणावा अपने अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों की अवहेलना करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है | व संबंधित मकान मालिक पर नियमानुसार कार्रवाई करने के बजाए मनमानी कर रहा है | क्या नगरपालिका सब इंजीनियर गणावा किसी राजनीतिक दबाव के कारण या फिर किसी आर्थिक लालच के कारण कार्रवाई नहीं कर रहा है यह जांच का विषय है ?
झाबुआ शहर के वार्ड क्रमांक 18 सिद्धेश्वर कॉलोनी शनि मंदिर के पीछे अरुण कुमार पिता बलराज बर्मन द्वारा अपने द्वितीय तल का भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है नियम अनुसार किसी भी भवन निर्माण कार्य के लिए नगर पालिका से निर्माण की स्वीकृति लेना आवश्यक होती है लेकिन अरुण कुमार बर्मन ने बिना निर्माण कार्य स्वीकृति के ही भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है जब इस तरह के बिना अनुमति भवन निर्माण की शिकायत नगर पालिका को की गई तो सी एमओ एलएस डोडिया ने तत्काल शिकायत पर कार्रवाई करते हुए नगर पालिका अमले को जांच हेतु भेजा |जांच अमले द्वारा जब संबंधित मकान मालिक से भवन निर्माण कार्य का स्वीकृति पत्र मांगा तो मकान मालिक द्वारा नहीं हाेना बताया |तब सीएमओ द्वारा 23 सितंबर को अरुण कुमार पिता बलराज बर्मन काे सूचना पत्र जारी करते हुए नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के तहत कार्रवाई हेतु लिखा |लेकिन मकान मालिक द्वारा दबंगता से कार्य को नहीं राका गया |नगरपालिका प्रशासन द्वारा पुनः 24 सितंबर को पंचनामा बनाकर वैधानिक कार्यवाही हेतु अवगत कराया |
बिना अनुमति भवन निर्माण कार्य करने पर प्रशमन शुल्क से 5 गुना से लेकर 50 गुना तक पेनल्टी का प्रावधान
अरुण कुमार पिता बलराज वर्मन द्वारा वार्ड क्रमांक 18 बिना अनुमति के करीब 750 वर्ग फीट क्षेत्र में भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है जब नगर पालिका सीएमओ और राजस्व विभाग से इस तरह के बिना अनुमति के भवन निर्माण कार्य के बारे में जानकारी चाही तो बताया कि भवन निर्माण कार्य की अनुमति के लिए प्रशमन शुल्क जमा करना होता है यदि 750 वर्ग फीट कार्य के लिए करीब ₹15000 शुल्क जमा करना होता है और यदि बिना अनुमति के निर्माण कार्य किया जा रहा है तो नियमानुसार प्रशमन शुल्क के 5 गुना से लेकर 50 गुना तक पेनल्टी का प्रावधान है अरुण कुमार बर्मन द्वारा लगभग 750 वर्ग फीट क्षेत्र में निर्माण कार्य किया जा रहा तो संभवत ऱू 15000 प्रशमन शुल्क होता है और इस बिना अनुमति के निर्माण कार्य पर 5 गुना से 50 गुना तक पेनल्टी का का प्रावधान है इस हिसाब प्रशमन शुल्क के 5 गुना करीब ₹75000 पेनल्टी का प्रावधान है और 50 गुना ₹7 लाख 50 हजार| सारी शिकायत सूचना पत्र व पंचनामा बनाने ने के बाद भी नगर पालिका कर्मचारी द्वारा अपने अपने अधिकारी के आदेशों का पालन करवाने में मैं भी कोई रुचि नजर नही आ रही है तभी तो समाचार लिखे जाने तक निर्माण कार्य जोरों से चल रहा और संभवत छत डाली जा रही थी |शासन-प्रशासन काे नियम अनुसार संबंधित मकान मालिक पर वैधानिक कार्रवाई करनी चाहिए और नियम अनुसार पेनल्टी भी लगाना चाहिए ताकि शहर में बिना अनुमति के भवन निर्माण कार्य नहीं किया जा सके | प्रश्न यह उठता है कि क्या कारण है कि बिना अनुमति भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है और नगर पालिका अमले द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है कयाे ?
प्रश्न यह उठता है कि जब नगर पालिका अधिकारी के जांच दल द्वारा संपूर्ण कार्रवाई करने के बाद नगर पालिका अधिकारी द्वारा सूचना जारी किया और पंचनामा भी बनाया , तो फिर नगर पालिका सब इंजीनियर सुरेश गणावा को अपने अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना चाहिए था और संबंधित मकान मालिक पर बिना स्वीकृति निर्माण कार्य करने पर नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के तहत प्रशमन शुल्क से कम से कम 5 गुना तक पेनल्टी लगाने का प्रावधान है ताे नियमानुसार कार्रवाई की जाना चाहिए थी लेकिन सब इंजीनियर गणावा द्वारा अपने अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करते हुए मनमानी पूर्वक कार्य किया जा रहा है जिससे नगर जिससे नगर पालिका को राजस्व का नुकसान हो रहा है और मकान मालिक भी दबंगता से कार्य कर रहा है | चर्चा चौराहों पर चल पड़ी है कि आखिर क्या कारण नपा सब इंजीनियर. सुरेश गणावा द्वारा किसी राजनीतिक दबाव के कारण कार्रवाई नहीं की जा रही है या फिर आर्थिक लालच के कारण ?